रियासी में सर्च ऑपरेशन
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जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में चुनौती खड़ी कर दी है। इन हमलों से साफ है कि सुरक्षा बंदोबस्त आसान नहीं होगा। यही नहीं, सीमा पार से अमरनाथ यात्रा में अशांति फैलाने की बड़ी साजिश रची जा रही है।
जम्मू संभाग में रियासी, डोडा, भद्रवाह और कठुआ के हीरानगर में होने वाले हमले भी इसी का हिस्सा हैं। यात्रा से पहले जम्मू संभाग में माहौल बिगाड़ने का संगठित प्रयास हो रहा है। सूत्रों की मानें तो इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए नए सिरे से रणनीति बनाई जा रही है। इसके तहत करीब एक लाख सुरक्षाकर्मियों को यात्रा में लगाने की तैयारी की जा रही है।
पूर्व डीजीपी एसपी वैद का कहना है कि जम्मू क्षेत्र को पूरी तरह से अशांत करके आतंक की आग में झोंकने का एक संगठित प्रयास दिख रहा है। रियासी, कठुआ, डोडा और भद्रवाह जैसे शांत इलाकों को निशाना बनाया गया। राजोरी-पुंछ पिछले 2 साल से गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं, लेकिन अब जम्मू संभाग के इलाके भी नहीं बचे।
हमें गंभीरता से सीमाओं को बंद करने और घुसपैठ रोकने की जरूरत है। राजोरी-पुंछ के बाद दूसरे इलाकों को टारगेट करने से स्पष्ट दिख रहा है कि आतंकियों ने अपनी रणनीति बदल दी है। कठुआ और रियासी में पिछले कुछ दिनों में जो कुछ हुआ, वह चिंता का विषय है, लेकिन हमारी पुलिस और अन्य सुरक्षाबल सक्षम हैं। उम्मीद है कि इससे निपट लेंगे।