हृदय रोग दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक हैं, हर साल इसके कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है। हालांकि सिर्फ हार्ट अटैक ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक मात्र चिंता नहीं है, पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर स्ट्रोक के कारण मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि युवा आबादी में हार्ट अटैक के साथ स्ट्रोक के मामले भी बढ़ रहे है। 18 से 44 की आयु वालों में स्ट्रोक के मामले 15 फीसदी तक बढ़े हैं।
सीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 65 वर्ष से कम आयु के लोगों में स्ट्रोक का जोखिम पिछले एक दशक में बढ़ा है। हालिया आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 18 से 44 वाले लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। स्ट्रोक जानलेवा तो है ही, वहीं स्ट्रोक से जान बच जाने की स्थिति में लकवा, मस्तिष्क-तंत्रिकाओं से संबंधित विकार सहित कई कई अन्य गंभीर समस्याओं का जोखिम भी रहता है।