forest fire
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कनाडा के जंगलों में साल 2023 में गर्मी की वजह से लगी भयावह आग ने भारत के मुकाबले अधिक कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ी। गर्मी पैदा करने वाली इस गैस ने भारत में जलाए गए जीवाश्म ईंधन के मुकाबले दुनिया में अधिक प्रदूषण फैलाने के साथ ही तापमान में भी इजाफा किया।
यह खुलासा विश्व संसाधन संस्थान और मैरीलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के ग्लोबल चेंज बायोलॉजी में प्रकाशित एक नए अध्ययन में किया गया। शोध में देखा गया कि कनाडा के जंगल की इस आग की छोड़ी कार्बन डाइऑक्साइड से पश्चिमी वर्जीनिया से भी बड़ा जंगल जल उठा था। वैज्ञानिकों ने 2023 में कनाडा में महीनों तक जलने वाली आग के विनाशकारी प्रभाव का आकलन किया। इसके मुताबिक, इसने हवा में 3.28 बिलियन टन गर्मी पैदा करने वाली कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ी थी।
647 मिलियन कारों के जितना हवा में छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड
यूएस पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार, यह कार्बन डाइऑक्साइड की लगभग उतनी ही मात्रा है जितनी 647 मिलियन कारें एक वर्ष में हवा में छोड़ती हैं। इस आग से एक साल में हवाई जहाजों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन के मुकाबले लगभग चार गुना उत्सर्जन अधिक हुआ। अध्ययन के मुख्य लेखक और डब्ल्यूआरआई के ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के शोध सहयोगी जेम्स मैककार्थी ने यह आकलन प्रस्तुत किया है।
जलवायु परिवर्तन की भी बड़ी भूमिका
सिरैक्यूज विश्वविद्यालय के भूगोल और पर्यावरण के प्रोफेसर जैकब बेंडिक्स ने कहा कि इतने सारे जंगल का नुकसान बहुत बड़ी बात है और वैश्विक दृष्टि से बेहद चिंताजनक है लेकिन इसमें जलवायु परिवर्तन की भी बड़ी भूमिका है।