पाकिस्तान की संसद (फाइल फोटो)
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वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की संसद ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 18,877 अरब रुपये के बजट को मंजूरी मिल गई है। हालांकि विपक्ष ने इसका विरोध किया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह आईएमएफ के द्वारा दिया गया बजट है, जो कि जनता के लिए हानिकारक है।
बिलावल जरदारी भुट्टो की पार्टी के समर्थन से मिली मंजूरी
वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने सदन की मंजूरी के लिए प्रस्ताव पेश किया था, जिसे पूर्व विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के समर्थन से मंजूरी मिल गई। बजट के मुताबिक सकल राजस्व प्राप्तियां का अनुमान लगभग 17,815 अरब रुपये है, जिसमें कर राजस्व 12,970 अरब रुपये और गैर-कर राजस्व 4,845 अरब रुपये शामिल है।
हालांकि राज्यों का हिस्सा लगभग 7,438 अरब रुपये होगा। जबकि अगले वित्तीय वर्ष के दौरान विकास लक्ष्य 3.6 प्रतिशत निर्धारित किया गया था। बजट में मुद्रास्फीति 12 प्रतिशत, जीडीपी का बजट घाटा 5.9 प्रतिशत और जीडीपी का प्राथमिक सरप्लस एक प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया है।
विपक्ष बोला- जनता के हितों की अनदेखी की गई है
पाकिस्तान नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता उमर अयूब, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष गोहर अली खान और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के नेता अली मुहम्मद ने साथ मिलकर बजट का विरोध किया और कहा कि इस बजट बनाते समय जनता के हितों को ध्यान में नहीं रखा गया है।