सोनभद्र। जिलाधिकारी श्री चन्द्र विजय सिंह द्वारा जनपद के विभिन्न गांवों में सैम/मैम बच्चों व बच्चियों की स्थिति में सुधार हो सके, इसके लिए जिला कार्यक्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के लिए बेहतर कदम उठाते हुए पोष्टिक खाद्य पदार्थों को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की देख-रेख में घर-घर पहुंचाया गया था। कुपोषित बच्चों व बच्चियों के स्वास्थ्य में सुधार हेतु इस अभियान को चलाकर काफी हद तक स्थिति में सुधार लाया गया था।
इसी क्रम में सैम व मैम बच्चों के स्वास्थ्य और बेहतर हो सके, इसके लिए जिलाधिकारी ने एक और नई पहल कर जनपद के सभी विकास खण्डों के विभिन्न गांवों के कुल 657 सैम व मैम बच्चों को चिन्हित कर उनके ही घर पर 5 पिलरों पर 4-4 ड्रेगन फ्रूट के पौधों का रोपण किया गया था। जिसका उद्देश्य था कि कुपोषित बच्चों के घर प्रोटिनयुक्त यह ड्रेगन फ्रूट फल प्राप्त हो सके। जिसके सेवन से कुपोषित बच्चों को भरपुर मात्रा में प्रोटिन मिलता रहे और उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार की स्थिति बना रहें। कुपोषित बच्चों के स्थिति में सुधार हेतु ड्रेगन फ्रूट के नई पहल को और बल मिल सके, इसके लिए जिलाधिकारी ने खुद जिले के विभिन्न गांवों में भ्रमणशील रहते हुए अनेक कुपोषित बच्चों के घरों में पांच पिलरों पर चार-चार पौधे रोपित किये थे और इसका बेहतर तरीके से संरक्षण हो सके, इसके के लिए कुपोषित बच्चों के परिजनों को सरल भाव से समझाते हुए संरक्षण करने विधि की जानकारी देते हुए इसके प्रति जागरूक भी किया गया था। ड्रेगन फ्रूट फल के प्रोटिन के महत्व की जानकारी गांववासियों को हो सके, इसके लिए जिले के विभिन्न गांवों में कैम्प लगाकर ड्रेगनफ्रूट फल का भी वितरण महिलाओं में किया गया था और प्रयोग करने की विधि को भी साझा किया गया।
जिलाधिकारी श्री चन्द्र विजय सिंह ने एक और पहल कर ड्रेगनफ्रूट की खेती करने के लिए जिले के किसानों को प्रेरित किया, जिसकी कीमत बाजारों में 250 से 350 रूपये प्रति किलो थी, इस तरह की खेती करने से किसानों की आमदनी काफी बढ़ने की उम्मीद बढ़ी। इसी पहल को साकार करने के लिए जिले के करमा ब्लाक के गौरही गांव के किसान विद्यापति पुत्र ओम प्रकाश ने 0.5 हेक्टर यानी 2 बीघे में, राबर्ट्सगंज ब्लाक के कुसी गांव के किसान भोला पुत्र बेचन द्वारा 1 हेक्टेयर यानी 4 बीघे में ड्रेगनफ्रूट की किया गया। इन किसानों द्वारा रोपित किये गये ड्रेगनफ्रूट के पौधों में अब फल लगने लगे हैं, जिसे आगामी माह सितम्बर व अक्टूबर में फल बाजारों में बेचने के आसार दिखते नजर आ रहे हैं, जिससे कृषक बन्धु के चेहरे पर इस फल कोे लेकर काफी प्रसन्नता नजर आने लगी हैं। ड्रेगनफ्रूट की खेती के लिए जिला उद्यान विभाग द्वारा प्रति हेक्टेयर 30 हजार रूपये का अनुदान भी किसानांें को दिया जाता है, ड्रेगनफ्रूट लाल, लीला व सफेद रंग के होते हैं। इसी प्रकार से जिला खनिज फाउन्डेसन निधि से विकास खण्ड घोरावल के राजकीय परिक्षेत्र बेलाही में 1100 पिलरों पर 4400 ड्रेगनफ्रूट के पौधें का शुभारंभ जिलाधिकारी द्वारा वर्ष-2022-23 में किया गया था। इस मुहिम से जहां कृषक बन्धुओं द्वारा ड्रेगनफ्रूट के फल का उत्पादन करने से उनके आय में वृद्धि हो रही है और वे आत्मनिर्भर की ओर अग्रसर हो रहे है।