एकादशी का पारण द्वादशी तिथि को ही करना शुभ माना जाता है. व्रत का पारण आप जल, मौसमी फल और चावल खाकर कर सकते हैं.
योगिनी एकादशी का व्रत पारण सुबह 05.28 से सुबह 07.10 मिनट पर किया जाएगा. पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय सुबह 07:10 तक है.
योगिनी एकादशी के व्रत पारण में चावल जरुर खाएं, इसे शुभ माना गया है. मान्यता है इससे अगला जन्म कुयोनि में नहीं होता.
एकादशी के व्रत पारण से पहले विष्णु जी को भोग के रूप में खीर, पंचामृत, दूध, दही, केला अर्पित करें. इसके बाद ब्राह्मण को दान देने के बाद व्रत पारण करें.
माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति गीता का पाठ करते हैं उनसे विष्णु जी तो प्रसन्न होते ही हैं, पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है.
कहते हैं एकादशी व्रत कई गुना फल देता है, बस इसके व्रत पारण में इन नियमों का खास ख्याल रखें. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
Published at : 03 Jul 2024 05:15 AM (IST)
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