Shani Dev, Bhadra: ग्रहों में शनि को सबसे क्रूर ग्रह माना गया है. शनि देव का गुस्सा सबसे खतरनाक माना जाता है. लोग इन्हें शांत रखने के लिए तरह-तरह के जतन करते हैं. शनि का नाम आते हैं लोगों के मन में डर पैदा हो जाता है उसी तरह भद्रा का नाम सुन कर भी लोग घबरा जाते हैं. मान्यता है कि भद्रा काल में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. आखिर ये भद्रा कौन है, आइए जानते हैं
कौन है भद्रा ? (Who is Bhadra)
भद्रा सूर्य और छाया की पुत्री, शनि देव की बहन है. शनि महाराज की बहन भद्रा भी उनकी की तरह क्रोधी स्वभाव की है जिस प्रकार शनि राजा को रंक बनाने की शक्ति रखते है ठीक उसी तरह उनकी बहन भी व्यक्ति के जीवन को नर्क बना सकती है. धार्मिक मान्यता अनुसार भद्रा का स्वरुप बड़ा भयंकर है, इनका रंग काला, केश लंबे और दांत विकराल है.
भद्रा क्यों है खतरनाक ? (Shani sister Bhadra history)
पौराणिक कथा के अनुसार भद्रा जन्म लेते ये संसार को खाने के लिए दौड़ पड़ी. यज्ञों को नष्ट कर दिया, मंगल कार्यों में उपद्रव करने लगी, सारे जगत को पीड़ा पहुंचाती. ऐसे में उसके दुष्ट स्वभाव और विकराल रूप को देकर सूर्य देव को ये चिंता सताने लगी कि आखिर इस कुरूप कन्या का विवाह कैसे होगा. विवाह योग्य होने पर जब सभी देवताओं ने भद्रा के विवाह का प्रस्ताव ठुकरा दिया. तब सूर्य देव ब्रह्माजी की शरण में पहुंचे.
शुभ कार्य से पहले भद्रा काल क्यों देखते हैं (Bhadra significance in Shubh work)
ब्रम्हा जी ने भद्रा को आशीर्वाद दे दिया की जहां मांगलिक और शुभ कार्य होते हैं वहां तुम्हारा निवास स्थान होगा. हे भद्रा तुम बव, बालव, कौलव, तैतिल आदि करणों के अंत में सातवें करण के रुप में स्थित रहो. इस तरह ब्रह्मा जी ने भ्रदा को समय का एक भाग दे दिया.
भद्रा ने ब्रह्मा जी की यह बात मान ली और समय के एक अंश में विराजमान हो गई. इसलिए किसी भी शुभ काम का आरंभ भद्रा काल में नहीं किया जाता है, भद्रा काल में किए गए मांगलिक कार्य कभी सफल नहीं होते.
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