मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर
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सिकंदराराऊ हादसे का मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर एटा जिले में मनरेगा में तकनीकी सहायक के रूप में तैनात है। हादसे के बाद वहां उसके खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई की तैयारी भी शुरू हो गई है। सत्संग आयोजन में उसकी लगन को देखते हुए उसे मुख्य सेवादार की जिम्मेदारी दी गई थी।
वह 10 वर्ष पूर्व एटा जिले के अवागढ़ ब्लॉक की ग्राम पंचायत सलेमपुर गादरी के मजरा सलेमपुर को छोड़कर सिकंदराराऊ में आकर बस गया। वर्तमान में वह सिकंदराराऊ के मोहल्ला दमदपुरा नई कॉलोनी में रह रहा है। सिकंदराराऊ में आते ही वह सत्संग समागम से जुड़ गया और धीरे-धीरे सत्संग आयोजन से जुड़े कार्यों के प्रति लगन को देखते हुए देव प्रकाश को मुख्य सेवादार की जिम्मेदारी मिल गई। हालांकि देव प्रकाश की मां ब्रह्मा देवी और पिता राम सिंह अभी भी अवागढ़ के गांव सलेमपुर में स्थित पैतृक मकान में ही रहते हैं।
देवप्रकाश का बड़ा भाई अखिलेश कुमार निधौली कलां स्थित विद्युत निगम में लाइनमैन के पद कार्य करता है, जबकि बेटी रंजना एटा जिले में ही पंचायत सहायक के रूप में तैनात रही है। पैतृक गांव में रहने के दौरान ही वह नारायण साकार हरि बाबा के सत्संग से जुड़ गया था। सिकंदराराऊ में भगदड़ के बाद देवप्रकाश के सिकंदराराऊ स्थित घर पर ताला लटका है। उसकी तलाश में पुलिस कई बार वहां पहुंची थी। मधुकर को कल दिल्ली में गिरफ्तार किया गया।
आज होगी पेशी
हाथरस भगदड़ के बाद मुख्य आरोपी मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। आज मधुकर की हाथरस अदालत में पेशी होगी। हाथरस भगदड़ मामले में पुलिस ने अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। 2 जुलाई को हाथरस के सिकंदरामऊ के ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी में सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 भक्तों की मौत हो गई थी। इनमें 112 महिला, 2 पुरूष, 6 बच्चे, एक बच्ची है।
सभी शवों की पहचान हो गई है और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हो गई है। मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा-105, 110, 126(2), 223 और 238 के अंतर्गत मामला दर्ज़ किया गया है। इससे पहले छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।