सीएम सिद्धारमैया
– फोटो : सीएम सिद्धारमैया
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कर्नाटक भाजपा ने सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर अनुसूचित जाति/जनजाति उप- योजना की धनराशि का इस्तेमाल पांच गारंटियों के लिए करने का आरोप लगाया है। वहीं मुख्यमंत्री इस पर सफाई देते घूम रहे हैं। उनका कहना है कि यह धनराशि एससी एसटी आबादी पर खर्च की गई है।
आम चुनाव के समय कांग्रेस के पांच गारंटियों के वादे को लेकर भाजपा ने निशाना साधा है। शुक्रवार को कर्नाटक भाजपा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर अनुसूचित जाति उप-योजना और जनजातीय उप-योजना के लिए निर्धारित 14,800 करोड़ रुपये के कोष का इस्तेमाल पांच गारंटियों के लिए करने का आरोप लगाया। भाजपा ने कहा कि दलित समुदायों के कल्याण के लिए निर्धारित कोष को चुनावी वादों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया गया।
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पांच गारंटियों के वित्तपोषण के बहाने अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण के लिए निधि को बर्बाद किया है। भाजपा नेता अशोक के अनुसार एससीएसपी-टीएसपी की 7,881.91 करोड़ रुपये की राशि ‘गृहलक्ष्मी’ योजना, 70.28 करोड़ रुपये ‘भाग्यलक्ष्मी’ योजना, 2585.93 करोड़ रुपये ‘गृहज्योति’ योजना, 448.15 करोड़ रुपये ‘अन्नभाग्य’ योजना, 2,187 करोड़ रुपये ‘अन्नभाग्य’ योजना के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, 1,451.45 करोड़ रुपये ‘शक्ति’ योजना और 175.50 करोड़ रुपये ‘युवा निधि’ योजना के लिए इस्तेमाल की गई है।
भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार पहले ही महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम की 187 करोड़ रुपये की राशि गबन कर चुकी है। हालांकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का दावा है कि यह धनराशि एससीएसपी-टीएसपी निधि राज्य में एससी/एसटी आबादी के बराबर खर्च की गई। मुख्यमंत्री ने दावा किया, “इन गारंटियों के अधिकांश लाभार्थी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों से हैं।”