आदिवासी बाहुल्य जनपद में होम्योपैथिक चिकित्सा कारगर- जेएन सिंह
सोनभद्र। आइडियल होम्योपैथिक वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन सोनभद्र के तत्वाधान में रविवार को प्रादेशिक होमियोपैथिक वैज्ञानिक संगोष्ठी का भव्य आयोजन जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज स्थित द लोटस बैंक्वेट सभागार में किया गया। जिसमें वक्ताओं ने होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को बेहतरीन बताते हुए सोनभद्र में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की मांग उठाई।
प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री संजीव सिंह गोड़ ने कहा कि-“असाध्य रोगों का इलाज होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में है, यह पद्धति वर्तमान समय में अन्य चिकित्सा पद्धतियों से सस्ती और लाभकारी है, इस पद्धति से इलाज कराने से जटिल रोगों का स्थाई समाधान संभव है, हमारी सरकार इस चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा दे रही है प्रदेश के प्रत्येक जनपदों में होम्योपैथिक चिकित्सालय कार्य कर रहे हैं। स्वस्थ जीवन शैली के लिए होम्योपैथी विधा एक विश्वसनीय विकल्प है।
विशिष्ट अतिथि सदर विधायक भूपेश चौबे ने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि-होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक हेनीमैन साहब संपूर्ण विश्व को ऐसी चिकित्सा पद्धति प्रदान किया है, इसके प्रयोग से मानव शरीर पर कोई कुप्रभाव नहीं पड़ता, हमारे देश में अनेक चिकित्सा पद्धतियां विद्यमान है उसमें सबसे सस्ती अच्छी कारगर चिकित्सा होम्योपैथी की मीठी गोलियों से संभव है।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक मिश्रा ने कहा कि-” आज के प्रदूषण के दौर में जब संपूर्ण विश्व वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, प्रकाश प्रदूषण की समस्याओं से जूझ रहा है। खाद युक्त भोजन, जल मानव ग्रहण कर रहा है। ऐसी स्थिति में प्रदूषण से होने वाले रोगों का इलाज होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में है, होम्योपैथ मीठी- मीठी गोलियो से छोटे-छोटे नवजात शिशुओ के स्वास्थ्य का संरक्षण करती है।
आइडियल होम्योपैथिक वेलफेयर आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेएन सिंह रघुवंशी ने आयोजित संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग किया कि उत्तर प्रदेश के अंतिम छोर पर चार राज्यों तथा बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के सीमाओं से घिरा जनपद सोनभद्र मे गरीबी में जीवन जीने वाले हमारे आदिवासी जनों के लिए होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति कारगर है और इस पद्धति के प्रचार- प्रसार, इलाज के लिए जनपद में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जानी चाहिए, ताकि उत्तर प्रदेश सहित चार अन्य राज्यों के नागरिकों को सस्ता सुलभ इलाज मिल सके।
वहीं कार्यक्रम के प्रथम सत्र का विषय बच्चों के व्यवहार का संतुलन रहा, मुख्य वक्ता डॉ दिनेश और अध्यक्षता डी एस सिंह ने किया।
द्वितीय सत्र का विषय मानसिक रोग में होम्योपैथिक का क्या महत्व रहा मुख्य वक्ता प्रोफेसर एस. एस. पाल और अध्यक्षता डॉ अर्पिता चटर्जी ने किया, वहीं तृतीय सत्र का विषय असाध्य रोगों में होम्योपैथिक विधा क्या कर सकती है। इस सत्र के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद राम सकल और मुख्य वक्ता मनोरंजन पाल रहे अध्यक्षता आर सी श्रीवास्तव ने किया।
इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक हैनिमेन की तस्वीर पर माल्यार्पण कर व द्वीप प्रज्वलन के साथ किया गया। प्रथम सत्र में आर्गगनाइजेशन के अध्यक्ष वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर कुसुमाकर श्रीवास्तव सचिव डॉक्टर सीबीडी पांडेय द्वारा संयुक्त रूप से मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, डॉक्टरों, पत्रकारों का माल्यार्पण करते हुए स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभाकर श्रीवास्तव, पत्रकार दीपक कुमार केसरवानी, पत्रकार राजेश कुमार पाठक, राम अनुज धर द्विवेदी, विमल अग्रवाल, उमेश पांडेय, राधेश्याम मिश्र, डॉक्टर अभिषेक देव पांडेय, मनोरंजन पाल, अजीत सिंह, वंशराज आनंद, ए के सिंह, (जौनपुर) आनंद कुमार (मिर्जापुर) अनिल कुशवाहा, बीवी नवाब, दिनेश त्रिपाठी, आरती श्रीवास्तव, आनंद नारायण, रविशंकर मिश्रा,प्रकाश श्रीवास्तव, हर्ष कुशवाहा, गौरव, अक्षय कुमार मिश्रा, रवि सिंह अनुभव पांडे, श्रद्धा दुबे, रेखा प्रजापति, इंद्र बहादुर सरोज सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।