कीर्ति चक्र विजेता शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह का परिवार इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप अपनी बहू स्मृति के व्यवहार से काफी दुखी हैं। उन्होंने अपनी बहू पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। शहीद अंशुमान के पिता ने कहा, ‘पैसे की चर्चा नहीं है। इसमें होना चाहिए चक्र एक मिलेगा या दो मिलेगा। पत्नी छोड़ जाए तो क्या होगा? पैसे का कोई लालच नहीं है। मैं अपनी संपत्ति सरकार को देना चाहता हूं। सरकार इन पैसों से या मेरी संपत्ति से कोई स्कूल या अस्तपाल बनाए।’
कैप्टन अंशुमन ट्रस्ट में दान करेंगे अपनी संपत्ति
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपनी संपत्ति कैप्टन अंशुमन ट्रस्ट में दान करेंगे। वह अपने बेटे की शहादत को सौदा नहीं करेंगे। मां का दर्द सबसे अगल होता है। मां का दयाईत्व सबसे अलग है।
घर में हुई शांति पूजा में भी नहीं आई बहू
शहीद अंशुमान के पिता रवि प्रताप ने अपनी बहू को लेकर कहा कि वो (स्मृति) अपना फोन बंद कर ली थी। घर में शांति पूजा में भी नहीं आई। इस बात को लेकर दुख हुआ और फिर राष्ट्रपति भवन में उन्होंने बात तक नहीं कि और सारे प्रोटोकॉल तोड़कर चली गई। जब उन्होंने बहू स्मृति से कहा कि कीर्ति चक्र हमें दे दीजिए। तो उसने साफ मना कर दिया।
न बेटा बचा, न बहू और न ही इज्जत बची
उन्होंने कहा, ‘स्मृति से बातचीत 30 जनवरी से ही बंद हो गई। मैंने कहा था राष्ट्रपति से सम्मान अंशुमान की मां को लेने दिजिए। उनके पिता ने कहा नहीं हम अपनी परित्याग नहीं करेगें। हमने स्मृति से फोटो मांगी तो नहीं दी। जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने के बाद ये बात पब्लिक डोमेन आई। वो यहां से नोएडा गई। वहां से भी बिना किसी को बताए चली गई। उसने (स्मृति) कहा मैं पूरानी लाईफ को भूल जाना चाहती हूं। हमने कई बार बात करने की कोशिश की। उसने नंबर तक ब्लॉक कर दिया। मेरे पास न बेटा बचा है, न बहू, न ही इज्जत बची है।’