आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू
– फोटो : एएनआई (फाइल)
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आंध्र प्रदेश सरकार ने नंद्याल जिले में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई नाबालिग लड़की के परिजनों को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मंजूर की है। इसके अलावा, विजयनगरम जिले में रिश्तेदार द्वारा नजवात के साथ की गई छेड़छाड़ के मामले में भी सरकार ने पांच लाख रुपये वित्तीय सहायता दी है। छह महीने की नवजात के साथ छेड़छाड़ के इस मामले को भारतीय न्याय संहिता (बीएसएन) नियमों के अनुसार दुष्कर्म माना गया है।
आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री वी अनिता ने सोमवार को मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा वित्तीय सहायता मंजूर करने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सात जुलाई को, तीन लड़कों ने कथित तौर पर नौ वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। फिर उसे मुच्चुमरी गांव में मुच्चुमरी लिफ्ट सिंचाई नहर में धक्का दे दिया। आखिरी बार उसे गांव के एक पार्क में खेलते हुए देखा गया था। गृह मंत्री ने बताया कि लड़की का शव अभी तक नहीं मिला है, क्योंकि लड़के उसके ठिकाने के बारे में हर दिन अपना बयान बदल रहे हैं। पुलिस और एनडीआरएफ कर्मी शव की तलाश कर रहे हैं।
गृह मंत्री वी अनीता ने कहा कि सीएम नायडू ने हाल ही में विजयनगरम जिले में एक पुरुष रिश्तेदार द्वारा कथित तौर पर दुष्कर्म का शिकार हुई नवजात लड़की के लिए पांच लाख रुपये की राशि मंजूर की है। यह धनराशि नवजात के पक्ष में एक निश्चित राशि के रूप में जमा की जाएगी।
पुलिस के अनुसार, बीते शनिवार को विजयनगरम जिले के रामभद्रपुरम गांव में 40 वर्षीय डोरा ने नवजात के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की। उन्होंने बताया कि जब यह घटना हुई, तब नवजात की मां सब्जियां खरीदने के लिए बाहर गई थी। इस बीच डोरा घर में घुसा और बच्ची के साथ छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि नए बीएनएस नियमों के अनुसार अपराध को दुष्कर्म माना जा रहा है। डोरा को बीएनएस धारा 65 (2) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5 (एम) सहपठित 6 के तहत गिरफ्तार किया गया। हालांकि, डोरा ने यह कहकर अनभिज्ञता जताने की कोशिश की कि वह नशे में था।