अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष।
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने नया वैश्विक आर्थिक आउटलुक अपडेट जारी किया है। इस अपडेट में आईएमएफ ने उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए अपने विकास दर के अनुमानों को संशोधित करते हुए बढ़ा दिया है।
अनुमानों में वृद्धि का कारण एशिया में मजबूत आर्थिक गतिविधियों को बताया गया है। आईएमएफ के अपडेट में भारत में विकास के पूर्वानुमान को इस वर्ष के लिए ऊपर की ओर संशोधित कर 7.0 प्रतिशत कर दिया गया है। आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर के अनुमान में 20 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। आईएमएफ के अपडेट में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में निजी खपत के लिए बेहतर संभावनाओं की बात कही गई है। अपडेट के अनुसार 2023 में भारत की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही। 2024 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमानों में इजाफा करते हुए इसे 7.0 कर दिया गया है। 2025 में भारत के लिए वृद्धि दर का अनुमान 6.5% रखा गया है।
आईएमएफ के अनुसार FY26 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत तक धीमी हो सकती है। अप्रैल में जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) में भी यही अनुमान जताया गया था। डब्ल्यूईओ को दिए अपडेट में आईएमएफ ने कहा, “भारत में वृद्धि के पूर्वानुमान को भी इस साल संशोधित कर 7.0 प्रतिशत कर दिया गया है।”
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी अनंतिम अनुमानों के अनुसार, FY24 में GDP का विस्तार 8.2 प्रतिशत रहा, जो FY23 में दर्ज 7 प्रतिशत से अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनुमान लगाया है कि अर्थव्यवस्था FY25 में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने कहा था कि भारत अपने विकास प्रक्षेपवक्र में एक “प्रमुख संरचनात्मक बदलाव” की दहलीज पर है। उन्होंने कहा था कि देश उस रास्ते की ओर बढ़ रहा है जहां आठ प्रतिशत की सालाना जीडीपी वृद्धि दर लंबे समय तक बरकरार रखी जा सकती है।