कोर्ट।
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उत्तर प्रदेश के आगरा में मंगलवार को पुरातत्व विभाग ने देवकीनंदन ठाकुर बनाम जामा मस्जिद मामले में अदालत में अपना जवाब प्रस्तुत किया। इंतजामिया कमेटी ने भी अपना पक्ष प्रस्तुत कर दिया। अब कोर्ट ने सुनवाई के लिए 31 जुलाई की तारीख तय की है।
अधिवक्ता विनोद कुमार शुक्ला ने बताया कि उन्होंने पूर्व में जो सीढि़यों के नीचे विग्रह होने के संबंध में टेक्निकल सर्वे कराने का प्रार्थनापत्र दिया था। उस पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 31 जुलाई की तिथि नियत कर दी है। कई बार तिथियां देने के बाद भी पुरातत्व विभाग ने जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया था, जिस पर कोर्ट ने पुरातत्व विभाग को 16 जुलाई का आखिरी मौका दिया गया था।
दूसरी ओर, योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के प्रभु श्रीकृष्ण विग्रह के केस संख्या-659/2023, श्रीभगवान श्रीकृष्ण लला विराजमान आदि बनाम उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड आदि की सुनवाई लघुवाद न्यायालय में हुई।
वादी व अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि 5 जुलाई को कोर्ट ने संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व इंतजामिया कमेटी जामा मस्जिद को केस में प्रतिवादी बनाने का आदेश जारी किया था। इसमें अधिवक्ता ने वादी पक्ष की तरफ से वाद-पत्र में संशोधन के लिए आदेश 6 नियम 17 सिविल प्रक्रिया संहिता के अधीन प्रार्थनापत्र दिया।
इसके निस्तारण की तिथि 31 जुलाई न्यायालय ने नियत की है। अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि जामा मस्जिद एएसआई के अधीन संरक्षित राष्ट्रीय महत्व का स्मारक है, जिसकी सीढ़ियों के नीचे रमा-बल्लभ के विग्रह दबे हैं। अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने 15 मार्च को जामा मस्जिद की सीढ़ियों का जीपीआर सर्वे का एप्लिकेशन दौरान सुनवाई न्यायालय को दिया था जोकि अभी विचाराधीन है।