विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि विदेश मंत्रालय (एमईए) बांग्लादेश में रह रहे भारतीय नागरिकों को पूरी तरह सुरक्षा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि लगभग 1,000 भारतीय छात्र बांग्लादेश से भारत लौट आए हैं। पड़ोसी देश में जारी हिंसा में 90 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
सोशल मीडिया पोस्ट में जयशंकर ने लिखा, बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों के परिवारों और शुभचिंतकों को सुरक्षा और मदद देना हमारी प्राथमिकता है। जयशंकर ने आगे कहा, विदेश मंत्रालय बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच भारतीय नागरिकों की घर वापसी में सहायता कर रहा है। सुरक्षित यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय नागरिक उड्डयन, आव्रजन, भूमि बंदरगाहों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अधिकारियों के साथ भी समन्वय कर रहा है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में भारतीय मिशन भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं। अब तक, 778 भारतीय छात्र विभिन्न भूमि बंदरगाहों के माध्यम से भारत लौट आए हैं। इसके अलावा, लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों से नियमित उड़ान सेवाओं के माध्यम से घर लौट आए हैं।
बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों की कुल संख्या 15 हजार: जयसवाल
वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश में कुल भारतीय नागरिकों की संख्या लगभग 15,000 होने का अनुमान है। ढाका में भारतीय उच्चायोग और चटगांव, राजशाही, सिलहट और खुलना में सहायक उच्चायोग भारतीय नागरिकों की घर वापसी में सहायता कर रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय में, उच्चायोग और सहायक उच्चायोगों द्वारा भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सीमा पार बिंदुओं तक सुरक्षित यात्रा की सुविधा के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय उच्चायोग और सहायक उच्चायोग बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बचे 4,000 से अधिक छात्रों के साथ नियमित संपर्क में हैं और आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं। नेपाल और भूटान के छात्रों को भी अनुरोध पर भारत में प्रवेश करने में सहायता की गई है।
मेघालय के रास्ते 284 और लोग भारत में दाखिल हुए
मेघालय के पश्चिमी जैंतिया हिल्स जिले में डावकी एकीकृत जांच चौकी के माध्यम से हिंसा प्रभावित बांग्लादेश से शनिवार को कुल मिलाकर 284 और लोग भारत में दाखिल हुए। अधिकारियों ने बताया कि उनमें से 168 नेपाल से और 115 भारत से हैं, जिनमें मेघालय के आठ और कनाडा का एक छात्र शामिल है। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पिछले तीन दिनों में, भारत, नेपाल और भूटान से कुल 953 लोग, जिनमें ज्यादातर छात्र हैं, और एक कनाडा से है, वहां आंदोलन के कारण बांग्लादेश से डाउकी आईसीपी के माध्यम से देश में आए हैं।’ मेघालय सरकार ने उन लोगों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर सक्रिय किया है जो हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में हैं और पूर्वोत्तर राज्य के अधिकारियों से सहायता मांग रहे हैं।
नौकरी कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग को लेकर हिंसा जारी
बता दें कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार से विवादास्पद नौकरी कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ बांग्लादेश घातक झड़पों से जूझ रहा है। ढाका से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, कुछ हफ्ते पहले शुरू हुई झड़पों में 90 से अधिक लोग मारे गए हैं, हालांकि मरने वालों की सही संख्या अभी तक स्पष्ट नहीं है। बांग्लादेश में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने देश भर में कर्फ्यू लगा दिया है, क्योंकि देशभर में नौकरी कोटा प्रणाली को वापस लेने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें जारी हैं।