नई दिल्ली. जाह्नवी कपूर अपनी स्पाई थ्रिलर फिल्म के साथ दस्तक दे चुकी हैं. फिल्म का ‘उलझ’ के टाइटल के साथ फैंस उम्मीद कर रहे होंगे कि ये फिल्म प्योर स्पाई थ्रिलर का तड़का लगाकर लोगों को उलझाने में कामयाब हो सकेंगी. लेकिन सच्चाई ये है कि फिल्म का जैसा नाम हैं वैसी ही वो खुद उलझ गई. जाह्नवी कपूर और गुलशन देवैया की फिल्म जलेबी जितना भी लोगों को ये सीट में बैठने पर ‘उलझा’ नहीं सकी.
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुधांशु सरिया द्वारा निर्देशित फिल्म उलझ देशभक्ति फिल्मों की श्रेणी में आती है. लेकिन ये फिल्म देशभक्ति पर एक उल्टा कार्ड खेलती है. आप भी फिल्म देखना का प्सान कर रहे हैं तो ये रिव्यू एक बार जरूर पढ़ लीजिए.
स्पाई थ्रिलर का अपना अलग ही तिलिस्म रहता है. फिल्म ‘उलझ’ यूनाइटेड किंगडम में भारतीय दूतावास में एक युवा सरकारी अधिकारी सुहाना भाटिया (जाह्नवी कपूर) के इर्द-गिर्द घूमती है. एक विरासती परिवार से आने वाली सुहाना के सिर पर भाई-भतीजावाद के बादल का बोझ है, जबकि वह यूके में अपनी नई स्थिति के बारे में अपने दिमाग को लपेटने की कोशिश कर रही है. इस बीच उसकी मुलाकात एक रहस्यमय आदमी एक पार्टी में होती है और वह नकुल शर्मा (गुलशन देवैया). पहली ही मुलाकात में वह नकुल से इतनी इंप्रेस हो जाती है कि उसके साथ इंटीमेट हो जाती है. जबकि, नकुल की असली पहचान कुछ और ही होती है.
वह सुहाना को उसके प्राइवेट विडियो के आधार पर ब्लैकमेल करके गोपनीय सूचनाएं हासिल करने लगता है और सुहाना इस जाल में बुरी तरह उलझ जाती है. अब सुहाना इस जाल से बाहर कैसे निकलती है? उसको फंसाने की यह साजिश किसने रची होती है? उनका मकसद क्या होता है? यह फिल्म देखकर ही जानना बेहतर होगा.
फिल्म सेकेंड हाफ के आते-आते कहानी लोगों को बोर करने लगती हैं. स्क्रीनप्ले इतना ढीला है कि आप इसके खत्म होने का इंतजार करते हैं और फिर आपको समझ आने लगेगा कि इसका नाम ‘उलझ’ क्यों है.
एक्टिंग का बात करें तो जाह्नवी कपूर के लिए साल 2024 काफी अहम है. फिल्म ‘मिस्टर एंड मिसेज माही’ में उनके एक्टिंग की तारीफ हुई. इस फिल्म के बाद ‘उलझ’ में भी उनका काम बेहतर होने की गुंजाइश थी. लेकिन अपने कमजोर किरदार के चक्कर में वह लुभाने में कामयाब नहीं हो पाईं. खुद को स्थापित करने में उन्हें अभी खुद को और मांझना होगा. फिल्म में गुलशन देवैया ने अच्छी एक्टिंग की है. रोमांस से लेकर विलेनगिरी तक करने में वह कामयाब हुए. रोशन मैथ्यू, मियांग चैंग, आदिल हुसैन संग दूसरे कलाकारों ने अपने किरदारों में जान फूंकने की कोशिश की है.
फिल्म की सिनेमेटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर, कॉस्ट्यूम जैसे तकनीक पक्ष मजबूत हैं. म्यूजिक के मामले में ‘शौकन’ गाना सोशल मीडिया पर हिट हो चुका है. कहानी में कुछ अच्छे ट्विस्ट एंड टर्न जरूर हैं लेकिन डायरेक्टर सुधांशु सरिया ने एंबेसी और हाई कमिशन जैसी वीवीआईपी जगहों पर सुरक्षा और प्रोटोकॉल की जिस तरह धज्जियां उड़ाई हैं, उससे यह कहानी अपनी विश्वसनीयता खो देती है.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
Tags: Film review, Janhvi Kapoor
FIRST PUBLISHED : August 2, 2024, 13:01 IST