महिला की फाइल फोटो व अस्पताल में भर्ती बेटी
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ऐसी बेबसी कि एक पिता अपनी बेटी को यह तक नहीं बता पा रहा कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही। दरअसल, साकेतनगर में शुक्रवार दोपहर को नाबालिग की तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से स्कूटी सवार भावना मिश्रा (42) की मौत हो गई थी। पीछे बैठी आठवीं में पढ़ने वाली बेटी घायल हो गई थी। वह अभी भी मां की मौत से अनजान है। होश आने के बाद रविवार को उसने पहला सवाल यही किया। पापा… मम्मा कैसी हैं, वो कहां हैं। पिता अनूप मिश्रा कुछ देर के लिए निशब्द हो गए।
इस सवाल ने उनका कलेजा छलनी कर दिया। फिर खुद को संभालते हुए कहा कि वो ठीक हैं। थोड़ा चोट लगी है और बगल वाले कमरे में भर्ती हैं। मेधावी ने बात कराने की जिद की तो यह कहकर टाल दिया कि डॉक्टरों ने इंजेक्शन दिया है और वे सो रही हैं। बेटी को झूठी दिलासा देने के बाद बेबस अनूप सच को यादकर बाहर आ गए और रोने लगे। वहां मौजूद किसी भी तीमारदार में मासूम को उसकी मां की मौत की जानकारी देने की हिम्मत नहीं पड़ रही है।
बेटी ने आंख खोली तो पिता ने थाम ली हथेली
हादसे में मेधावी का बायां पैर और कूल्हा टूट गया था। उसका ऑपरेशन किया गया है। शनिवार देर रात उसे होश आया तो परिजनों ने कुछ राहत की सांस ली। उसने आंख खोली तो चेहरे पर दर्द की लकीरें उभर आईं। पास खड़े पापा को देखकर वीगो लगा हाथ उनकी तरफ बढ़ाया तो आंखों में आंसू छिपाए पिता ने बिना देर किए मासूम की हथेली थाम ली। 13 साल की मेधावी उर्फ लीची की देखभाल में पिता अनूप, दादी पदमा, बाबा दिनेश प्रसाद और ताऊ डॉ. अनुज मिश्रा लगातार जाग रहे हैं।