सोनभद्र उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ की कार्ययोजना वर्ष 2024-25 के क्रियान्वयन के क्रम में तथा माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सोनभद्र श्री रवीन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में आज दिनांक 08.08.2024 को ‘महिलाओं से सम्बन्धित कल्याणकारी योजनाएं, महिलाओं के हित संरक्षरण कानून, स्पाॅन्सरशिप योजना’ एवं ‘महिलाओं से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी राष्ट्रीय महिला आयोग 1990, अनैतिक व्यापार निवारण अधि0 1956, घरेलू हिसां से महिला संरक्षण अधि0 2005, दहेज प्रतिषेध अधि0 1961, गर्भ का चिकित्सीय समापन अधि0 1971, मातृत्व लाभ अधि0 1961- 26 सप्ताह तक, कार्य स्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधि0 2013, लैगिंक अपराधो से बालको का संरक्षण अधि0 2012, गर्भधारक पूर्ण एवं प्रसव पूर्ण निदान तकनीकी (लिंग चयन प्रतिषेध) अधि0 1994, समान पारिश्रमिक अधि0 1976, महिलाओं का अशिष्ट चित्रण (निषेध) अधि0 1966, हिन्दू उत्राधिकार अधि0 1956’ विषय पर विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जय प्रकाश नारायण बालिका विद्यालय, उरमौरा जिला सोनभद्र में किया गया।
उक्त साक्षरता/जागरुकता शिविर में श्री शैलेन्द्र यादव अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सोनभद्र, श्री रमाशंकर यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी, सोनभद्र, श्री शमशेर बहादुर, चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, जनपद सोनभद्र, श्री जय प्रकाश, असिस्टेंट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, जनपद सोनभद्र, श्री आकाश कुमार, असिस्टेंट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, जनपद सोनभद्र, तथा जनपद सोनभद्र, के वि़द्वान अधिवक्तागण, विद्यालय में उपस्थित शिक्षिकायें व अन्य आमजन एवं महिलायें उपस्थित रहे। अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जनपद सोनभद्र द्वारा उक्त साक्षरता/जागरूकता शिविर में उपस्थित महिलाओं को उक्त विषयक पर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया गया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के अंतर्गत लिंग जांच करना एवं कराना जघन्य अपराध है, जिसके लिए कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 पर चर्चा करते हुए बताया कि घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला को उसी घर में रहने का अधिकार प्राप्त है। कार्य स्थल पर महिलाओं को लैंगिक उत्पीड़न से बचाने के लिए आंतरिक परिवाद समिति व क्षेत्रीय परिवाद समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि संपत्ति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार प्राप्त है। महिलाओं के लिए सरकार की तरफ से कल्याणकारी योजनाओं का प्रावधान किया गया है जिसे वह जागरूक होकर प्राप्त कर सकती है। उन्हें इन सुविधाओं को दिलाने में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। उन्होंने बताया कि वैवाहिक विवादों के संदर्भ में प्री लिटिगेशन के माध्यम से मध्यस्थता के द्वारा वैवाहिक विवादों का समाधान कराया जा सकता है। उन्होंने महिलाओं को हेल्पलाइन नंबर 1090, 181 एवं 112 के बारे में जानकारी प्रदान किया। कार्य क्रम में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर के महत्व पर प्रकाश डाला, शिविर में लोगों को संबोधित करते हुए निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में लोगों को जानकारी दिया तथा शिविर में स्पॉन्सरशिप योजना के बारे में भी लोगों को जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा संचालित किये जा रहे विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्य क्रमों एवं महिलाओं के अधिकारों के बारे में बताया गया तथा दिनांक 14.09.2024 को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी बताया गया। उक्त विधिक साक्षरता/जागरुकता शिविर में उपस्थित श्री रमाशंकर यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी, सोनभद्र, श्री शमशेर बहादुर, चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, जनपद सोनभद्र, श्री जय प्रकाश, असिस्टेंट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, जनपद सोनभद्र, श्री आकाश कुमार, असिस्टेंट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, जनपद सोनभद्र, द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये।
यह जानकारी श्री शैलेन्द्र यादव अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सोनभद्र द्वारा दी गयी।