अमन सहरावत
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पेरिस ओलंपिक में शुक्रवार को बिरोहड गांव के लाडले पहलवान अमन सहरावत ने प्यूर्टो रिको के पहलवान डेरियन क्रूज को 13-5 से हराकर ब्रांज मेडल जीत लिया है। पेरिस ओलंपिक से रोमांचित कर देने वाली इस खबर के आते ही परिजन झूम उठे। अमन ने भारत को छठा पदक दिलवाया हैं। इस खुशी पर परिजनों ने एक-दूसरे को गले लगाते हुए बधाई दी। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि अमन सहरावत ने कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच डाला। अमन की इस उपलब्धि पर परिजनों को नाज है। पांच मिनट में दंगल जीतकर बिरोहड के अमन पेरिस ओलंपिक में दंगल के सुल्तान बन गए।
अमन सहरावत के ओलंपिक में कांस्य पदक प्राप्त करने की खबर सुनकर क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। रात के समय ही परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लग गया। सोशल मीडिया पर भी अमन सहरावत के कांस्य पदक जीतने की पोस्ट जमकर वायरल होती दिखाई दी। अमन सहरावत का मैच शुरू होने से पहले ही ग्रामीण खेतों की एक छोटी सी ढाणी में बने उनके पैतृक घर में इकट्ठे हो गए। वहीं पर एक बड़ी स्क्रीन लगाकर ग्रामीण में एक साथ मैच का लुत्फ़ उठाया। इस दौरान ग्रामीणों का जोश रह रहकर उमड़ रहा था। अमन सहरावत के एक-एक पॉइंट हासिल करने पर परिजन ग्रामीणों के साथ जमकर तालियां बजा रहे थे।
जश्न में डूबा गांव, दादा दादी परिजनों के साथ थिरकते आए नजर
अमन सहरावत के कांस्य पदक जीतने के बाद परिजनों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। इस दौरान हरियाणवी संगीत के ऊपर दादा-दादी परिजनों के साथ थिरकते हुए नजर आए। युवा, महिलाएं एवं ग्रामीणों ने जमकर नृत्य किया। खुशी का यह नजारा देखते ही बन रहा था आसपास के गांवों के लोग भी इस खुशी में शामिल दिखाई दिए।
पेरिस ओलंपिक में अमन ने लठ्ठ गाढ़ दिया
अमन सहरावत के पदक जीतने पर उनके दादा मांगेराम ने कहा कि अमन ने पेरिस ओलंपिक में लठ्ठ गाढ़ दिया है। परिवार में पहले भी बहुत से पहलवान हुए हैं, लेकिन अमन ने जितना नाम कमाया है। उतना किसी ने नहीं। उन्होंने कहा कि अमन सहरावत ने कांस्य पदक जीतकर अपने माता-पिता को एक सच्ची श्रद्धांजलि दी है तथा उनके सपनों को साकार किया है।
अमन सहरावत में आज भी दिखाई दे रही बेटे की छवि
पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद उनकी दादी अणची ने बताया कि 12 साल पहले अमन सहरावत की मां कमलेश की हार्ट अटैक से व पिता की पत्नी के सदमे से मौत हो गई थी। उसके बाद सभी परिजनों ने मिलकर अमन की परवरिश की है। अमन में आज भी उसे अपने बेटे की छवि दिखाई देती है। उसके घर लौटने पर वह उन्हें खीर, चूरमा व हलवा बनाकर अपने हाथों से खिलाएंगी, जो उसे बहुत पसंद है।
छोटी सी उम्र में रच दिया इतिहास
अमन सहरावत के ताऊ सुधीर ने बताया कि छोटी सी उम्र में ही अमन ने बड़ा नाम कमाया है। उन्होंने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। वे भारत कुमार के अलावा विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भी विजेता रह चुके हैं। छोटी सी उम्र में ही कुश्ती की शुरुआत करने वाले अमन आज फर्श से फर्श पर पहुंच गए हैं। जो उनके लिए गौरव की बात है।
बिरोहड को मिली भारत में नई पहचान
अमन सहरावत के चचेरे भाई राकेश सहरावत ने बताया कि आज अमन ने कांस्य पदक जीतकर परिजनों के सपनों को साकार कर दिया है। आज गांव बिरोहड को भारत में एक नई पहचान मिली है। यह इतिहास स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगा।