वरलक्ष्मी व्रत 16 अगस्त 2024 को सावन के आखिरी शुक्रवार (Sawan last Friday) के दिन रखा जाएगा. वरलक्ष्मी व्रत के दिन मां लक्ष्मी को कमलगट्टा अर्पित करें और देवी का ध्यान करते हुए लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें, अगले दिन इस कमलगट्टे को तिजोरी में रख दें. मान्यता है इससे धन प्राप्ति के रास्ते खुलते हैं.
वरलक्ष्मी व्रत की सुबह श्रीयंत्र की शुभ मुहूर्त में स्थापना करें और फिर रात को घी का दीपक जलाकर ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम: मंत्र का 108 बार जाप करें. कहते हैं इससे लक्ष्मी जी घर में स्थाई रूप से विराजित होती हैं.
वरलक्ष्मी व्रत के दिन महिलाएं आंगन या मुख्य द्वार पर रंगोली बनाकर कुमकुम हल्दी से गेट के दोनों ओर स्वास्तिक बनाएं. इस दिन 7 कन्याओं को घर बुलाकर चावल से बनी खीर खिलाएं. मान्यता है इससे मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं. आर्थिक संकट नहीं रहता.
दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहे, इसके लिए पति-पत्नी दोनों को वरलक्ष्मी का व्रत करना चाहिए एवं किसी ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन करवाकर अपनी सामर्थ्य के अनुसार वस्तुओं का दान करना चाहिए.
पारिजात का पौधा मां लक्ष्मी को प्रिय है. सावन के आखिरी शुक्रवार यानी वरलक्ष्मी व्रत के दिन इसे घर की पूर्व या उत्तर दिशा में लगाएं. इससे तरक्की होती है. कुबेर जी की कृपा बनी रहती है.
वरलक्ष्मी व्रत रखने से घर में धन रुकना शुरू हो जाता है. जीवन में समृद्धि आती है और मानसिक संतापों से आराम मिलता है.
Published at : 10 Aug 2024 02:59 PM (IST)
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