Bhadrapada Month 2024: सावन की समाप्ति के बाद हिन्दी पंचांग (Hindu panchang) का छठवां महीना भाद्रपद शुरू होगा. सोमवार 19 अगस्त को रक्षा बंधन (Raksha bandhan) है और यही सावन (Sawan) के महीने का आखिरी दिन भी है.भाद्रपद को भादो (Bhado) और भादवा (Bhadarva) भी कहते हैं. आइए जानें भाद्रपद 2024 में कब शुरू होगा, इसके नियम और व्रत त्योहार.
भाद्रपद 2024 में कब शुरू ? (Bhadrapada Month 2024 Date)
20 अगस्त से शुरू होगा.भाद्रपद महीना 18 सितम्बर को समाप्त होगा. इसी दिन भाद्रपद पूर्णिमा है और इस दिन से पितृ पक्ष की शुरुआत हो जाएगी. भादो सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश के साथ शुरू होता है. धार्मिक दृष्टिकोण से इस महीने को महत्वपूर्ण माना जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद अगस्त और सितंबर के महीने में पड़ता है. भाद्रपद मास पूजा-पाठ और व्रत के लिए खास माना जाता है.
भाद्रपद माह में किन देवताओं की पूजा करें
भाद्रपद माह में भगवान श्रीकृष्ण (Krishna), भगवान विष्णु, भगवान गणेश (Ganesh ji), भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अवश्य करनी चाहिए.
भाद्रपद माह क्यों है खास
इस महीने में धर्म-कर्म के साथ ही सेहत पर भी खास ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इस हिंदी महीने में ऋतु परिवर्तन भी होता है. भाद्रपद महीने में कजरी तीज, बहुला चौथ, हलछठ, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami), अजा एकादशी और अमावस्या, वराह जयंती, कन्या संक्रांति Kanya sankranti), हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी (Rishi panchami) , ललिता सप्तमी, दूर्वाष्टमी, परिवर्तिनी एकादशी, वामन जयंती, अनंत चतुर्दशी और भाद्रपद पूर्णिमा रहेगी. इस महीने में ही दस दिनों का गणेश उत्सव (Ganesh utsav) रहेगा.
भाद्रपद माह का महत्व (Bhadrapada Significance)
धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि भाद्रपद के महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने, गरीबों को दान करने और व्रत रखने से बहुत लाभ होता है. इस पूरे महीने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. भाद्रपद में घर पर लड्डू गोपाल की स्थापना करने, शंख की स्थापना करने और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है, साथ ही भाद्रपद में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर संतान गोपाल मंत्र का जाप करने और हरिवंश पुराण का पाठ करने या सुनने से संतान सुख की प्राप्ति होती है.
भाद्रपद मास में कई बड़े त्योहार
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस महीने को इतना शुभ इसलिए माना जाता है क्योंकि इस महीने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के साथ राधा जन्मोत्सव, कजरी तीज, श्री गणेश चतुर्थी, अनंत चतुर्दशी, कुश की अमावस्या, विश्वकर्मा पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी पड़ते हैं.
भगवान गणेश, श्रीकृष्ण और विष्णु जी की पूजा का महीना
- भाद्रपद महीने में गणेश चतुर्थी पर दस दिनों का गणेशोत्सव शुरू होगा, जो कि 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी पर खत्म होगा.
- इन दिनों में भगवान गणेश की विशेष आराधना करने की परंपरा है, भाद्रपद में श्रीकृष्ण की पूजा से पाप खत्म होते हैं और परेशानियां दूर होती हैं.
- इन दिनों शंख में दूध और जल भरकर श्रीकृष्ण का अभिषेक करना चाहिए. फिर भगवान को नैवेद्य लगाएं. भगवान विष्णु की भी पूजाा करनी चाहिए. इस पवित्र महीने में भगवान विष्णु और उनके अवतारों की विशेष पूजा करने की बात ग्रंथों में बताई गई है.
- इस महीन रोज सुबह जल्दी उठकर उगते हुए सूरज को जल चढ़ाने का विधान ग्रंथों में बताया है. सूर्य को जल चढ़ाने में तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें.
- भाद्रपद महीने में भगवान कृष्ण को हर रोज तुलसी दल और माखन का भोग लगाएं. ऐसा करना बेहद ही शुभ माना जाता है.
भाद्रपद माह में क्या करें (Bhadrapada dos)
- आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि भाद्रपद, चातुर्मास के चार महीनों में दूसरा है. इस महीने में ऋतु परिवर्तन होता है, जिससे शरीर में बदलाव भी होते हैं और डायजेशन गड़बड़ा जाता है.
- इस महीने में ज्यादा तला हुआ और मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए. ऐसे चीजे न खाएं जिनको पचने में ज्यादा समय लगता हो.
- सेहतमंद चीजों को खाने में शामिल करें. भाद्रपद में जानकार योग, प्राणायाम और कसरत करने की सलाह भी देते हैं.
- भाद्रपद माह शुरू होते भगवान श्री कृष्ण को तुलसी अर्पित करनी चाहिए और साथ ही साधक को खुद भी तुलसी के जल का सेवन करना चाहिए
- भाद्रपद महीने में मनुष्य को सात्विक भोजन ही करना चाहिए.
भाद्रपद माह में क्या न करें (Bhadrapada donts)
- भाद्रपद में कच्ची चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, इस महीने में मनुष्य को भूलकर भी दही और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए.
- सावन महीने की तरह भाद्रपद महीने में भी मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. शास्त्रों में कहा गया है कि जो भी मनुष्य इस महीने में मांस और मदिरा का सेवन करता है. उसे सभी देवता रुष्ट हो जाते हैं.
- धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद के महीने में रविवार के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए, ना ही रविवार के दिन इस महीने में नमक का प्रयोग करना चाहिए.
भाद्रपद मास में पड़ने वाले त्योहारों की लिस्ट (Bhadrapada Vrat tyohar list)
- 20 अगस्त 2024 मंगलवार – भादो शुरू
- 22 अगस्त 2024 गुरुवार – कजरी तीज, बहुला चतुर्थी, हेरंब संकष्टी चतुर्थी
- 24 अगस्त 2024 शनिवार- बलराम जयंती
- 25 अगस्त 2024 रविवार – भानु सप्तमी
- 26 अगस्त 2024 सोमवार- कृष्ण जन्माष्टमी
- 27 अगस्त 2024 मंगलवार- दही हांडी
- 29 अगस्त 2024 गुरुवार – अजा एकादशी
- 31 अगस्त 2024 शनिवार- प्रदोष व्रत
- 2 सितंबर 2024 सोमवार – पिठोरी अमावस्या, दर्श अमावस्या, अनवधान, भाद्रपद अमावस्या
- 6 सितंबर 2024 शुक्रवार- वराह जयंती, हरतालिका तीज
- 7 सितंबर 2024 शनिवार- गणेश चतुर्थी
- 8 सितंबर 2024 रविवार- ऋषि पंचमी
- 10 सितंबर 2024 मंगलवार- ललिता सप्तमी
- 11 सितंबर 2024 बुधवार- महालक्ष्मी व्रत आरंभ, दूर्वा अष्टमी, राधा अष्टमी
- 14 सितंबर 2024 शनिवार- परिवर्तिनी एकादशी
- 15 सितंबर 2024 रविवार- वामन जयंती, प्रदोष व्रत
- 16 सितंबर 2024 सोमवार-विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति
- 17 सितंबर 2024 मंगलवार – गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी, पूर्णिमा श्राद्ध, अनवधान
- 18 सितंबर 2024 बुधवार – पितृ पक्ष प्रारंभ, आंशिक चंद्र ग्रहण, भाद्रपद पूर्णिमा, इष्टी
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