नई दिल्ली. ‘ना-ना-ना-ना रे’ गाने से घर-घर मशहूर पॉप गायक दलेर मेहंदी को लोग शायद ही कभी भूल पाएंगे. अदलेर मेहंदी की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया था, जब उन्हें जेल के फर्श पर सोना पड़ा था. महज 11 साल की उम्र में ही उन्होंने अपना सपना पूरा करने के लिए अपना घर छोड़ दिया था.
दलेर मेंहदी जब महज 5 साल के थे, जब उन्होंने गाना सीखना शुरू कर दिया था. उन्होंने गोरखपुर के उस्ताद राहत अली खान से संगीत सीखा था. दलेर ने 13 साल की उम्र में स्टेज पर परफॉर्म करके सबका दिल जीत लिया था. 18 अगस्त यानी आज ही दिन जन्मे दलेर बचपन से ही गाने का शौकीन रहे हैं. अच्छे सिंगर होने के साथ-साथ वह लेखक और रिकॉर्ड प्रोड्यूसर भी हैं. उनका गाना ‘ता रा रा रा’ लोगों को काफी पसंद आया था, इस गाने से उन्हें बड़े लेवल पर पॉपुलैरिटी मिली थी.
अमिताभ की फिल्म से रखा बॉलीवुड में कदम
दलेर मेहंदी ने गानों और म्यूजिक से पंजाबी इंडस्ट्री में धमाल मचा दिया था. उन्होंने पंजाबी इंडस्ट्री के अलावा बॉलीवुड के लिए भी कई गाने गाए हैं. हिंदी फिल्मों में करियर की शुरुआत सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘मृत्युदाता’ से की थी. यह फिल्म साल 1997 में आई थी. इस फिल्म में उन्होंने ‘ना ना ना रे’ गाना गाया था, इस एक गाने ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया था. इसके बाद 1997 में आया ‘रब रब’ गाने ने धमाल मचा दिया था. इसके लिए उन्हें बेस्ट मेल पॉप सिंगर के अवॉर्ड से नवाजा गया था.
2 साल जेल में काटनी पड़ी थी रातें
सफलता के शिखर पर पहुंचकर लोकप्रियता की बुलंदियों को छूने के बाद दलेर मेहंदी की जिंदगी में बुरा दौर भी आया था. साल 2003 में दलेर मेहंदी और उनके भाई शमशेर सिंह का नाम कबूतरबाजी केस में सामने आया था. दलेर पर आरोप था कि शो के लिए जाते वक्त वो अवैध तरीके से 10 लोगों को अपने साथ अमेरिका ले गए. इस मामले में दलेर मेहंदी को 2 साल जेल में भी रहना पड़ा था, जहां उनके साथ बहुत बदसलूकी हुई थी.
बता दें कि एक इंटरव्यू में खुद दलेर ने बताया था कि वो उनकी जिदंगी का सबसे खराब दौर था, उन्होंने कहा था कि मुझे झूठे केस में फंसाया गया था. जेल में एक पुलिस अधिकारी ने मेरे साथ बदसलूकी की थी. उनको अप-शब्द कहा गया था. उन्हें कोई भी वीआईपी सुविधा नहीं मिली थी और उनको जेल की फर्श पर भी सोना पड़ा था.
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FIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 21:00 IST