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– फोटो : साकिव नबी
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एक के बाद एक आतंकी हमलों ने सेना की रणनीति को धराशायी कर दिया है। बदली परिस्थितियों में अब सेना नई रणनीति पर मंथन कर रही है। सूत्रों के अनुसार, जंगलों में छिपे आतंकियों के ठिकानों पर सेना एयर स्ट्राइक और ड्रोन हमले की तैयारी में जुट गई है। पूर्व डीजीपी एसपी वैद का भी मानना है कि समय की यही मांग है। जब अमेरिका और इस्राइल जैसे देश ऐसा कर सकते हैं, तो भारतीय सेना क्यों नहीं कर सकती।
सेना आतंकियों की सटीक जानकारी जुटा रही है। लगातार हो रहे नुकसान से सब्र का बांध टूट रहा है। सूत्रों के अनुसार आतंकियों का खात्मा करने के लिए एयरफोर्स की मदद लेने पर मंथन किया जा रहा है। ऐसे तमाम विकल्प खुले रखे गए हैं। जिस तरह से पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक कर आतंकियों को ढेर किया था। इसी तरह की कार्रवाई डोडा, कठुआ, राजोरी, पुंछ, उधमपुर के जंगलों में छिपे आतंकियों पर की जा सकती है।
आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई 10-1 से 1-1 पर पहुंची : वैद
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि एक समय था जब आतंकियों के साथ ऑपरेशन में कार्रवाई का अनुपात 10-1 था। एक जवान बलिदान होता था तो उसके बदले 10 आतंकी मारे जाते थे। अब यह 1-1 पर पहुंच गया है। लगातार अफसरों का बलिदान चिंताजनक है। आतंकी हर मुठभेड़ के बाद भागने में सफल हो रहे हैं। इनका खात्मा करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना चाहिए। जरूरत हो तो एयरफोर्स की मदद लें और एयर स्ट्राइक करें। इसमें यदि इनको मदद करने वाले भी मारे जाते हैं, तो परवाह नहीं होनी चाहिए।