रामलला का किया गया अलौकिक शृंगार
– फोटो : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट
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रामनगरी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रामनगरी के मठ-मंदिरों में रविवार से अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। इस बार रामलला के दरबार में भव्यता पूर्वक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने की तैयारी है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली जन्माष्टमी होगी। जन्माष्टमी पर रामलला को 1.5 क्विंटल पंजीरी का भोग लगेगा। इससे पहले 50 किलो पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। मंदिर की भव्य साज-सज्जा होगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
रामनगरी अयोध्या में कृष्ण भक्ति का भी जोर है। यहां कई प्राचीन कृष्ण मंदिर हैं जो श्रीराम व कृष्ण की अभिन्नता के गवाह हैं। इन सभी मंदिरों में जन्माष्टमी की धूम होगी। अयोध्या में दो दिन उत्सव मनेगा। गृहस्थ परंपरा से जुड़े भक्त 26 को और उदया तिथि की मान्यता वाले मठ-मंदिरों में 27 को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। रामलला के दरबार में 26 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनाने की तैयारी है। अयोध्या के गोकुल भवन, बृजमोहन कुंज, राधा बृजराज मंंदिर, राज सदन स्थित राधा माधव मंदिर, गुरुधाम, इस्कान मंदिर में जन्माष्टमी की तैयारियां पूरी हो गई हैं।
मजदूरों की कमी से दो माह देरी से पूरा होगा राम मंदिर
राममंदिर निर्माण की धीमी गति ट्रस्ट के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। निर्माण समिति की बैठक के दूसरे दिन भी निर्माण कार्यों की समीक्षा व श्रमिकों की उपलब्धता पर चर्चा हुई। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि जून 2025 में मंदिर निर्माण पूरा करना चाहेंगे। लेकिन, मौसम की बेरुखी और त्योहारों के कारण मजदूर नहीं मिल रहे हैं।
इसलिए काम में दो माह की देरी हो सकती है। मजूदरों के लिए राजस्थान के ठेकेदारों से बात हो रही है। हम प्रयास कर रहे हैं कि पत्थरों से संबंधित काम करने वाले अधिकतर श्रमिक राजस्थान में मिलते हैं।