बरेली सितारगंज हाईवे
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बरेली-पीलीभीत-सितारगंज नेशनल हाईवे के फोरलेन निर्माण और बरेली शहर में निर्माणाधीन रिंग रोड के लिए अधिगृहीत की गई जमीन पर फर्जी भवन दिखाकर 50 करोड़ रुपये के भुगतान का घोटाला कर दिया गया।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के चेयरमैन संतोष यादव ने घोटाले में बरेली खंड के परियोजना निदेशक (पीडी) रहे बीपी पाठक और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी संभालने वाले लखनऊ के क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) संजीव कुमार शर्मा को निलंबित कर दिया है। साथ ही ईओडब्ल्यू, एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) या स्टेट विजिलेंस से जांच कराने के लिए यूपी के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है।
2900 करोड़ रुपये की है परियोजना
बरेली-सितारगंज हाईवे 71 किलोमीटर लंबा है। करीब 2900 करोड़ रुपये की इस परियोजना में हाईवे को दो से चार लेन करने के लिए जमीन का अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। इसमें अधिकतर अधिग्रहण 2023 में किया गया। बरेली में बदायूं और दिल्ली रोड को मिलाने वाली 32 किमी. लंबी प्रस्तावित रिंग रोड के लिए अधिग्रहण किया जा रहा है।
दोनों की अधिसूचना होते ही दस से अधिक भूखंडों पर टिनशेड बनाकर उन्हें आरसीसी वाली पक्की बिल्डिंग दिखा दिया गया। साथ ही भू उपयोग परिवर्तन करा दिया गया। फिर उसी के अनुरूप भुगतान किया गया। सितारगंज हाईवे के लिए 37.83 करोड़ रुपये का और बरेली रिंग रोड के लिए करीब 12 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।