Australian Census: ऑस्ट्रेलिया की जनगणना में पहली बार नागरिकों से उनकी लैंगिकता के बारे में पूछा जाएगा. सरकार ने शुक्रवार (30 अगस्त) को कहा कि यह नीतिगत बदलाव LGBTQ समुदाय के गुस्से को शांत करने के उद्देश्य से किया गया है. समर्थकों ने कहा कि लैंगिक पहचान के बारे में पूछे जाने वाले सवाल ऑस्ट्रेलियाई लोगों की पहचान और उन्हें किससे प्यार है, इसकी अधिक सटीक जानकारी देंगे.
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई सरकार के मंत्रियों ने साफ किया कि विभाजनकारी बहस से बचने के लिए जनगणना में परिवर्तन को रद्द कर दिया गया है. इसके एक दिन बाद प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने घोषणा की है कि 2026 के सर्वे में लैंगिकता के बारे में एक सवाल शामिल किया जाएगा.
ऑस्ट्रेलिया में जनगणना न होने पर लगता है जुर्माना
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के सांख्यिकी ब्यूरो ने यौन अभिविन्यास के बारे में एक नया प्रश्न जोड़ा है, जिसे सर्वे में शामिल करने से पहले टेस्ट किया जाएगा. अल्बनीज ने एबीसी से कहा, “हमारा मानना है कि यह सामान्य स्थिति है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन लोगों के पास यौन रुझान के प्रश्न का उत्तर देने या न देने का विकल्प होगा. ऑस्ट्रेलिया में जनगणना पूरी करना जरूरी है, ऐसा न करने पर जुर्माना लगाया जाता है.
पीएम अल्बनीज ने किया ये इशारा
यह पूछे जाने पर कि सरकार ने पीछे क्यों हटना शुरू कर दिया इस पर अल्बनीज ने कहा, “नहीं, यह पहली बार है जब मुझसे इस बारे में पूछा गया है.” उन्होंने लिंग पहचान के बारे में सवाल शामिल करने की योजना का कोई उल्लेख नहीं किया, हालांकि, उन्होंने केवल इतना कहा कि जनगणना में “बड़े बदलाव” नहीं होंगे.
ब्राउन ने कहा कि जनगणना में LGBTQ लोगों को शामिल करने से ऑस्ट्रेलिया उन अन्य देशों की कतार में आ जाएगा जो पहले से ही ऐसा कर रहे हैं, जिनमें ब्रिटेन, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं. उन्होंने कहा, “यह शर्म की बात होगी यदि सरकार ऑस्ट्रेलियाई जनता पर इतना भरोसा नहीं करती कि वे यह स्वीकार करें कि जनगणना के लिए हमारे देश के बारे में बुनियादी आंकड़े एकत्र करना आवश्यक है, ताकि यह सार्थक और उपयोगी हो सके.”