Bhadrapada Purnima 2024: पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी (Laxmi ji) और भगवान विष्णु (Vishnu ji) की विशेष रूप से पूजा की जाती है. भादों की पूर्णिमा पर स्नान-दान करने से आरोग्य प्राप्त होता है. पूर्णिमा पर चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है, मान्यता है कि रात्रि काल में चांद की किरणों से अमृत बरसता है.
इस दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप (Satyanarayan) की पूजा की जाती है साथ ही नारद पुराण के अनुसार इस दिन उमा-महेश्वर व्रत भी रखा जाता है. 2024 में भाद्रपद पूर्णिमा का व्रत कब रखा जाएगा, सही तारीख, स्नान-दान मुहूर्त जानें.
भाद्रपद पूर्णिमा 2024 डेट (Bhadrapada Purnima 2024 Date)
भाद्रपद पूर्णिमा 17 और 18 सितंबर दोनों दिन मनाई जाएगी. भाद्रपद माह (Bhadrapada month) की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत होती है और आश्विन माह (Ashwin month) की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को खत्म होती है.
17 या 18 सितंबर भादो पूर्णिमा कब करें ? (Bhadrapada Purnima 17 or 18 september kab)
- 17 सितंबर 2024 को भाद्रपद पूर्णिमा पर चंद्रमा और मां लक्ष्मी की पूजा का संयोग रहेगा, हालांकि इस दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 11 बजे के बाद शुरू हो रही है.
- उदय व्यापिनी भाद्रपद पूर्णिमा 18 सितंबर 2024 को है. इस दिन स्नान-दान करना शुभ होगा. दोनों ही दिन व्रत किया जा सकता है.
भाद्रपद पूर्णिमा 2024 मुहूर्त (Bhadrapada Purnima 2024 Puja muhurat)
- भाद्रपद पूर्णिमा तिथि शुरू – 17 सितंबर 2024, सुबह 11.44
- भाद्रपद पूर्णिमा तिथि समाप्त – 18 सितंबर 2024, सुबह 08.04
- स्नान-दान मुहूर्त – सुबह 04.33 – सुबह 05.20
- सत्यनारायण भगवान की पूजा – सुबह 09.11 – दोपहर 01.37
- चंद्रोदय समय – शाम 06.03
- लक्ष्मी जी पूजा – रात 11.52 – प्रात: 12.39, 18 सितंबर
भाद्रपद पूर्णिमा महत्व (Bhadrapada Purnima Significance)
भादों की पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से जीवन के समस्त कष्टों और संकटों से मुक्ति मिलती है. अविवाहित कन्याओं और युवकों का विवाह शीघ्र हो जाता है. जिस विशेष कामना की पूर्ति के लिए यह व्रत किया जाता है वह जल्दी ही पूरी होती है.
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