नई दिल्ली. अपनी यूनीक फिल्मों के लिए मशहूर नितेश तिवारी ने कई हिट फिल्में बनाई हैं. उनकी हिट फिल्मों में से एक है ‘छिछोरे’, जिसमें ह्यूमर के साथ-साथ आज के युवाओं द्वारा सामना किए जाने वाले दबावों पर गहरी नजर डाली गई है. जैसा कि आज ‘छिछोरे’ की 5वीं एनिवर्सरी है, ऐसे मौके पर हम आपको 5 चीजें बताते है, जो फिल्म को टाइमलेस क्लासिक बनाती हैं.
दमदार परफॉर्मेंस
सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर ने फिल्म में शानदार परफॉर्मेंस दी, जो फिल्म की प्रभाव को बढ़ाता है. हर एक एक्टर ने अपनी भूमिका को असल बनाते हुए आकर्षण के साथ निभाया है, जिससे फिल्म में दोस्ती और संघर्ष देखने में असल और बेहद दिलचस्प लगते हैं. जबरदस्त परफॉर्मेंसेस ने फिल्म की सफलता और इमोशनल इंपैक्ट को और भी मजबूत किया है.
रिलेट करने वाली थीम्स
‘छिछोरे’ में आज के युवाओं की समस्याओं को दिखाया गया है, जैसे स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई का दबाव, असफलता और दोस्तों का महत्व. ये विषय छात्रों और अभिभावकों सहित कई तरह के लोगों से जुड़ते हैं, जिससे फिल्म लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. यह दिखाता है कि मुश्किल समय में दोस्त एक-दूसरे की कैसे मदद करते हैं, जिसे कई दर्शक अपनी लाइफ से रिलेट कर सकते हैं.
स्टूडेंट लाइफ पर बनी है फिल्म.
पुरानी यादें
‘छिछोरे’ कॉलेज लाइफ और दोस्ती को दिखाती है, जो इसे उन सभी लोगों के लिए प्रासंगिक बनाती है जिन्होंने स्टूडेंट लाइफ को एंजॉय किया है. फिल्म में कॉलेज के मजेदार और बेफिक्र दिनों की दुनिया कई लोगों को उनके अपने अनुभवों की याद दिलाती है, जो इसके आकर्षण और अपील को बढ़ाता है.
भावनात्मक गहराई
फिल्म में ह्यूमर और दिल छू लेने वाले पलों का मिश्रण है, जो मजबूत बने रहने और खुद को स्वीकार करने के महत्व को दर्शाता है. यह फिल्म लोगों को हंसाती है और साथ ही जरूरी संदेश भी देती है, जो इस बात पर रोशनी डालती है कि स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन कितना बेहतरीन है.
सोशल मैसेज से भरपूर है फिल्म की कहानी.
सोशल मैसेज
‘छिछोरे’ सिखाती है कि सफलता का मतलब सिर्फ जीतना नहीं है, बल्कि असफलता से भी मजबूती और धैर्य के साथ निपटना है. यह सवाल उठाती है कि समाज सफलता और असफलता को किस तरह देखता है. साथ यह फिल्म पर्सनल ग्रोथ और मेंटल हेल्थ के लिए ज्यादा सही और समझदार रवैये का समर्थन करती है. फिल्म दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि सफलता का मतलब क्या होता है, जहां यह मेंटल हेल्थ को ज्यादा इंपॉर्टेंस देने की बात करती है न कि सिर्फ समाज की उम्मीदों को. कहा जाए तो यह फिल्म हर उम्र के लोगों के लिए एक इंस्पायरिंग और मीनिंगफुल है.
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FIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 20:34 IST