अरविंद केजरीवाल
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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र देने के बाद से सरकारी आवास खाली करने के मामले में चर्चाओं का सिलसिला शुरू हो चुका है। उन्हें नई दिल्ली इलाके में एक बड़ा बंगला मिल जाएगा। दरअसल वह राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक (अध्यक्ष) हैं और केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष को नई दिल्ली में मकान उपलब्ध कराने की परंपरा है। कांग्रेस, भाजपा व कई अन्य पार्टियों के अध्यक्षों को मकान मिल चुके हैं। अभी भी तीन राष्ट्रीय पार्टियों के प्रमुखों को बंगला मिला हुआ है। आम आदमी पार्टी वर्तमान में देश की छह राष्ट्रीय पार्टियों में शामिल है।
अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में मुख्यमंत्री निवास खाली करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के पीछे कई राजनीतिक और व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं, लेकिन नई दिल्ली में उनके लिए आवास का नया विकल्प हैं। दरअसल किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष को संंसद सदस्य न होने की स्थिति में राजनीतिक गतिविधियों को सुगम बनाने के लिए नई दिल्ली में मकान मिलता है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल संसद सदस्य नहीं हैं। इस कारण उन्हें नई दिल्ली में केबिनेट मंत्री स्तर का मकान मिल सकता है। इसके लिए उन्हें आवेदन करना होगा।
बसपा सुप्रीमो मायावती को भी मिला है बंगला
केंद्र सरकार की राष्ट्रीय पार्टियों के प्रमुखों को आवास देने की परंपरा का लाभ वर्तमान में बसपा प्रमुख मायावती को मिला हुआ है। उनके अलावा सीपीआई (एम) के प्रमुख नेता सीताराम येचुरी को भी यह लाभ मिला था। इनकी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी है और मायावती संसद सदस्य नहीं है। उनकी तरह येचुरी भी संसद सदस्य नहीं थे। वहीं नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रमुख व मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा को भी नई दिल्ली में आवास मिला हुआ है। उनकी पार्टी भी राष्ट्रीय पार्टी है।
केजरीवाल के रुख पर टिकी निगाहें
अब देेखना होगा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री निवास खाली करने के बाद क्या इस अवसर का लाभ उठाते हैं और नई दिल्ली में आवास प्राप्त कर पाते हैं या नहीं। चाहे जो भी हो, यह कदम निश्चित रूप से दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। उधर, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर केजरीवाल को नई दिल्ली में आवास मिलता है तो यह उनकी पार्टी की स्थिति को मजबूत करेगा।
इंंदिरा, अटल व गड़करी को मिल चुका है आवास
राजनीतिक तौर पर कड़े मतभेद होेने के बाद भी केंद्र में सत्तारूढ़ दल ने विपक्षी दल के प्रमुख के चुनाव हारने के बाद नई दिल्ली में मकान दिया है। वर्ष 1977 में प्रधानमंत्री होते हुए जनता लहर में चुनाव हारी कांग्रेस अध्यक्ष इंदिरा गांधी को जनता पार्टी सरकार ने मकान दिया था। इसी तरह वर्ष 1980 में भाजपा अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव हार गए थे। तब इंदिरा गांधी सरकार ने उनको मकान उपलब्ध कराया था। खास बात यह है कि अटल बिहारी वाजपेयी उस मकान में प्रधानमंत्री बनने तक रहेे। वर्ष 2010 में भाजपा ने नितिन गड़करी को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। वह उस समय संसद सदस्य नहीं थे। उस समय कांग्रेस सरकार नेे उनको नई दिल्ली में मकान आवंटित किया था।