रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की
– फोटो : एएनआई
विस्तार
संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वसीली नेबेंजिया ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि यदि पश्चिमी देश यूक्रेन को रूस में लंबी दूरी की मिसाइल से हमला करने की अनुमति देते हैं तो दुनिया इसका परिणाम भुगतेगी। नेबेंजिया ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद को बताया कि सच्चाई यह है कि नाटो एक परमाणु शक्ति देश के खिलाफ यूक्रेन की आड़ में हमला करना चाहता है। यदि ऐसा होता है तो इसके परिणाम बहुत घातक होंगे।
शुक्रवार को ही क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि उनके राष्ट्रपति ने पश्चिमी देशों को, जो चेतावनी दी है, उसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। दरअसल यूक्रेन, अमेरिका और पश्चिमी देशों से लगातार मांग कर रहा है कि उसे रूस के सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों की जरूरत है। बृहस्पतिवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका और ब्रिटेन मिलकर यूक्रेन को लंबी दूरी की एएमआरएएएम मिसाइल सिस्टम देने जा रहे हैं। इस पर पुतिन ने कहा था यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल के हमले के लिए इजाजत देना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यूक्रेन की आड़ में नाटो इस जंग में सीधे तौर पर शामिल होना चाहता है। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन पहले से ही रूस पर ड्रोन और अन्य हथियारों से हमला कर रहा है, लेकिन पश्चिमी देशों की लंबी दूरी की क्षमता वाले हथियारों से हमला किया जाना घातक परिणाम लाएगा।
नाटो का हमला हुआ तो परिस्थितियां बदल जाएंगी
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यदि यूक्रेन की ओर से लंबी दूरी की मिसाइलों से रूस पर हमला होता है तो साफ तौर पर परिस्थितियां बदल जाएंगी। पेसकोव ने कहा अगर नाटो देश यूक्रेन को लंबी दूरिरी की मिसाइलें देते हैं और उससे रूस पर हमला होता है तो यह माना जाएगा कि वो रूस के साथ सीधे तौर पर जंग कर रहे हैं। इस स्थिति में हम अपने पास मौजूद विकल्पों के मुताबिक ही जवाब देंगे।
यूक्रेन के पास नहीं है लंबी दूरी के मिसाइल
रूस ने दावा किया कि कीव के पास लंबी दूरी के मिसाइल नहीं है। इन हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए सैटेलाइट के जरिए खुफिया जानकारी की जरूरत होती है, जो कि यूक्रेन के पास नहीं है। यूरोपीय यूनियन और अमेरिकी सैटेलाइट ही इस तरह की जानकारी दे सकते हैं। रूस ने जोर देते हुए कहा कि सबसे अहम बात ये है कि केवल नाटो के सैन्यकर्मी ही इन मिसाइल सिस्टम का संचालन कर सकते हैं। यूक्रेनी सैनिकों के पास इसके संचालन की क्षमता नहीं है।