{“_id”:”66e7c083774770a3810a82af”,”slug”:”the-sandalwood-caught-in-maharajganj-was-parked-in-a-truck-from-delhi-for-48-hours-in-gorakhpur-2024-09-16″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”चंदन तस्करी: कस्टम के रडार पर गोरखपुर के ट्रांसपोर्टर भी, 48 घंटे शहर में थी गाड़ी- GST भी रही अंजान”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
चंदन की लकड़ी लादकर ट्रक दिल्ली से 8 सितंबर को महराजगंज के लिए निकला था। इस दौरान ट्रांसपोर्टर ने चंदन की लकड़ी का फर्जी ई-वे बिल भी तैयार किया था। सूत्रों ने बताया कि कस्टम के पास ट्रक नंबर और ई-वे बिल की जानकारी हो गई थी। दिल्ली से आगे बढ़ने पर जिस टोल प्लाजा से गाड़ी आगे बढ़ती, इसकी जानकारी कस्टम को हो जा रही थी।
चंदन की नई लकडी फाईल फोटो – फोटो : सोशल मीडिया
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चंदन तस्करी मामले में कस्टम टीम की जांच के दायरे में गोरखपुर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी भी हैं। आठ सितंबर को दिल्ली से चला चंदन लदा ट्रक गोरखपुर में 48 घंटे खड़ा रहा। सूत्रों के मुताबिक, कस्टम की टीम को गोरखपुर में खड़ी गाड़ी की लोकेशन का भी पता चल गया है। आशंका है कि कुछ स्थानीय ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से ही यह धंधा चल रहा है। ऐसे में अब ये धंधेबाज जांच एजेंसियों के रडार पर आ गए हैं।
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कस्टम सूत्रों की मानें तो गोरखपुर में गाड़ी सुरक्षित खड़ी कर नेपाल से बिना एक्सपोर्ट पेपर के नेपाली गाड़ी नौतनवां मंगवाई गई थी। नौतनवां में ही गाड़ी के पीछे कैविटी (अलग से तैयार की गई छत) तैयार की गई थी। इसे तैयार करने में भी तकरीबन सात से आठ घंटे लगे। इस दौरान दिल्ली से चंदन लकड़ी भरकर आई गाड़ी गोरखपुर में खड़ी रही। कैविटी तैयार होने के बाद गाड़ी महराजगंज के नौतनवां तक पहुंची।