शक्तिनगर/सोनभद्र। शक्तिनगर थाना क्षेत्र में स्थित खड़िया बाजार क्षेत्र के ग्राम पंचायत खड़िया में मोहम्मद अल-नबी-का त्योहार मुस्लिम समुदाय के बीच धूमधाम से मनाया गया। इसे ईदों में ईद कहा जाता है। हालांकि इस दिन को लेकर लोगों के बीच अलग-अलग मान्यताएं भी हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यदि पैगंबर मोहम्मद के जन्म के साथ ही मौत की भी तारीख है। इसलिए इसे बारह- वफात यानी मौत का दिन भी कहा जाता है। वहीं दूसरी और कई मुसलमान इस दिन को पैगंबर मोहम्मद की यौम-ए- पैदाइश का दिन मानकर इसे जश्न के रूप में मनाते हैं। इस दिन लोग अधिक से अधिक समय अल्लाह की इबादत में बिताते हैं। मस्जिदों को सजाया जाता है। लोग दरगाह जाते हैं। कुरान को तिलावत करते हैं। साथ ही पैगंबर की दया, करुणा और शिक्षा को याद किया जाता है। ईद-ए-मिलाद-उल- नबी का पर्व इस्लाम के मार्गदर्शन और अल्लाह के दूत कहे जाने वाले पैगंबर मोहम्मद से जुड़ा हुआ है। इस्लामी मान्यता के अनुसार रबी-उल-अव्वल के बारे में आज का दिन ही पैगंबर मोहम्मद का जन्म हुआ था।
मोहम्मद के योम-ए-पैदाइश का जन्म का दिन मानकर इसे जश्न के रूप में मनाते हैं। इन्होंने यह भी कहा कि इस्लाम को मानने वाले के अनुसार अल्लाह ने समय-समय पर धरती पर अपने दूत भेजें। जिन्हें नबी या पैगंबर कहा जाता है हजरत मोहम्मद को अल्लाह का आखिरी दूत कहा जाता है इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म सऊदी अरब के मक्का में साल 570 में इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रबी-उल-अव्वल की 16 तारीख को हुआ था। कहा जाता है कि पैगंबर मोहम्मद ने इस्लाम के महत्व को समझने के लिए कई कठिनाइयों की सामना किया दुश्मनों के जुल्म सहे और अल्लाह के संदेशों को लोगों तक पहुंचाया, इसलिए ईद-ए-मिलाद-अल-नबी का दिन नबी मोहम्मद के जीवन और उनके संदेशों को समर्पित है। महली में जुलूस भी निकाला गया तथा भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं। पूरी व्यवस्था में हुसैनी कमेटी खड़िया वा इंतजामिया कमेटी खड़िया के सौजन्य से खड़िया ब सक्तिनगर कोहरोल का जुलूस को संपन्न कराया गया जिसमे मुख्य रूप से खुर्शीद आलम मुमताज खान सज्जाद हुसैन बादल हुसैन, सपा नेता मुकेश सिंह, किस्मत अली, डॉ आलम मुमताज अली, अमन सेराज फैजान जावेद ताज खान की भूमिका रही साथ में हाजी मैनुद्दीन दमड़ी हाजी नियमत अली किस्मत अली की शक्ति नगर की थाना प्रभारी कुमुद शेखर अपनी पुलिस पाल के साथ निगरानी में रहे।