इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर 2024 को भाद्रपद पूर्णिमा से हो रही है. लेकिन प्रतिपदा 18 सितंबर को पहला श्राद्ध किया जाएगा.
भरणी श्राद्ध पंचमी तिथि पर किया जाता है, इसमें जो लोग अविवाहित मृत्यु को प्राप्त हुए हैं उनका तर्पण, पिंडदान करने का विधान है. इस साल भरणी श्राद्ध 21 सितंबर 2024 को किया जाएगा.
नवमी श्राद्ध माता पितर को समर्पित है. इसे मातृ नवमी भी कहते हैं. इस दिन दिवंगत माताओं, बहुओं और बेटियों का पिंडदान किया जाता है जिनकी मृत्यु सुहागिन के रूप में हुई हो. नवमी श्राद्ध 25 सितंबर को है.
सर्व पितृ अमावस्या पर उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि याद नहीं. अगर आप किसी कारणवश भी पितृ पक्ष में श्राद्ध नहीं कर पा रहे हैं तो अमावस्या पर तर्पण, पिंडदान कर दें. इससे पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है. इस साल सर्वपितृ अमावस्या 2 अक्टूबर को है.
मघा नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता पितर होते हैं. मघा श्राद्ध के दिन जब कोई व्यक्ति अपने पितरों का श्राद्ध कर्म करता है तो उसके जरिए किए तर्पण एवं दान का पुण्यफल बगैर किसी देरी या अड़चन के पितरों को प्राप्त हो जाता है. इस साल मघा श्राद्ध 29 सितंबर को है.
पितृ पक्ष में कौए, कुत्ते, चींटी, देव, गाय को भोजन जरुर कराना चाहिए. इससे पितरों को भोजन प्राप्त होता है. साथ ही ब्राह्मण को दान दें.
Published at : 16 Sep 2024 10:41 AM (IST)
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