इंजीनियर राशिद (फाइल फोटो)
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पिछले पांच साल तिहाड़ जेल में काटने वाले इंजीनियर रशीद कश्मीर की बारामुला सीट से सांसद हैं। वे तब बेहद मशहूर हुए, जब तिहाड़ में रहते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लोकसभा चुनाव में दो लाख वोटों से हरा दिया। उन्हें दो अक्तूबर तक के लिए जमानत मिली है। वह कश्मीर के हर ओर-छोर को अपनी सियासत और तकरीरों से पाटने निकले हैं। दिन में 30-30 मीटिंग, रैलियां, जलसे कर रहे हैं। विरोधी पार्टियों और कश्मीरी नेताओं को जमकर कोस रहे हैं। एजेंट रशीद के नाम से बदनाम हो रहे हैं। उमर अब्दुल्ला उन्हें दिल्ली का वोटकटवा और महबूबा मुफ्ती भाजपा का प्रॉक्सी कह चुकी हैं। रशीद ने शायद पहली बार कुबूल किया, अगर भाजपा भी कहती है कि हम कश्मीर का मसला हल करेंगे, तो मैं उनके साथ भी काम करने को तैयार हूं। तिहाड़ से लेकर कश्मीर और पीडीपी-एनसी से लेकर कांग्रेस-भाजपा तक हर सवाल पर अमर उजाला ने उनसे खास बात की।
सवाल- सोशल मीडिया पर चल रहा है कि आप तिहाड़ में थे और आपके बेटे अबरार ने 20 दिन में आपका चुनावी कैम्पेन खड़ा कर दिया। अब 15 दिन में क्या कर लेंगे?
जवाब- कमाल है। अबरार ने 20 दिन में किया, तो मैं उसका बाप हूं। मुझे तो कुछ करने की जरूरत ही नहीं है।
सवाल- आपको कौन बड़ा दुश्मन लगता है, कांग्रेस-भाजपा या पीडीपी-नेशनल कॉन्फ्रेंस?
जवाब- मेरे लिए हमाम में सारे नंगे हैं। कांग्रेस ने कश्मीर पर जितना जुल्म किया, उतना बीजेपी ने भी अभी तक नहीं किया होगा। पहले सारा कुछ कांग्रेस ने छीन लिया। फिर थोड़ा जो बचा खुचा था, मोदी जी ने इतना किया कि जो लाश पड़ी थी, उसको दफन किया। वरना उसको तो पहले ही कत्ल किया हुआ था। चाहे प्राइम मिनिस्टर था, प्रेसिडेंट था, आईएएस-आईपीएस की एंट्री थी, या हमारा परमिट सिस्टम था और सबसे बड़ी बात कश्मीर मसले का प्रमुख सिद्धांत, उसे तो कांग्रेस ने ही दरबदर किया। अफजल गुरु को फांसी कांग्रेस ने दी। बचा खुचा मोदी जी ने किया।