तिरुपति लड्डू विवाद
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तिरुपति स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसादम लड्डू में गाय की चर्बी और मछली का तेल इस्तेमाल किए जाने का मामला सामने आने के बाद राम नगरी के संत और भक्त दोनों दंग हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान तिरुपति से आए तीन टन लड्डू को यहां प्रसाद के रूप में वितरित किया गया था। अब लड्डू में मांसाहारी पदार्थों की मिलावट की जानकारी होने के बाद संतों में नाराजगी है।
संतों का कहना है कि पता नहीं कब से तिरुपति मंदिर के प्रसाद में यह मिलावट चल रही थी। पूरे देश से भक्त वहां दर्शन करने जाते हैं और प्रसाद लेते हैं। सभी की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है, जो भी संस्था या ट्रस्ट इसमें शामिल है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
प्याज-लहसुन वर्जित है, लड्डू में गाय की चर्बी…हे भगवान
रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या में वैष्णव संत और भक्त प्याज और लहसुन का भी उपयोग नहीं करते हैं। ऐसे में प्रसाद में पशुओं की चर्बी मिलने का मामला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखी करने वाला है।
- यह हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है। जल्द ही ऐसा कुकृत्य करने वालों को दंडित किया जाना चाहिए।
हमने नहीं बांटे तिरुपति के लड्डू : चंपत राय
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने प्राण प्रतिष्ठा में तिरुपति के लड्डू बांटने के सवाल पर कहा कि हमने लड्डू नहीं बांटे। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान बहुत सारे भक्तों ने बहुत सारी चीजें भेंट में दी थीं। यह तिरुपति से जुड़ा मामला है। हमारा बोलना उचित नहीं।
तमिलनाडु के आपूर्तिकर्ता का दावा, प्रयोगशाला ने गुणवत्ता प्रमाणित की थी
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर को घी की आपूर्ति करने वाली कंपनी एआर डेयरी ने शुक्रवार को दावा किया कि उनके उत्पाद के नमूनों को अधिकारियों ने गुणवत्ता प्रमाणित करते हुए मंजूरी दे दी।
तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित फर्म के प्रवक्ताओं ने बताया कि केवल जून और जुलाई महीने के दौरान ही उन्होंने तिरुमाला भगवान वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर को घी की आपूर्ति की थी। जब तिरुपति मंदिर को घी की आपूर्ति की गई तो उसे विधिवत मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला रिपोर्ट के साथ भेजा गया। हमारा घी अब तिरुपति मंदिर नहीं भेजा जा रहा है।