अलीगढ़ रेलवे स्टेशन
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मामला 21 सितंबर की दोपहर को करीब 12 बजे का है। फ्लेटफॉर्म संख्या 3 पर मां-मां पुकार कर ट्रेन के साथ दौड़ रहा एक छह साल का बच्चा जब ट्रेन में सवार एक महिला को दिखा तो उसने चेन खींच दी। ट्रेन रुकी तो महिला ने यह सोचकर बच्चे को ट्रेन में बैठा लिया कि शायद इस बच्चे की मां ट्रेन में है और यह किसी तरह बिछड़ गया है।
बस इसी दौरान प्लेटफार्म पर खड़े लोगों ने चोर-चोर पुकारना शुरू कर दिया। जीआरपी भी मौके पर पहुंच गई और महिला को थाने ले गई। महिला घंटों अपनी सफाई देते रही लेकिन किसी ने उसकी बात पर यकीन नहीं किया। बाद में सीसीटीवी कैमरे चेक किए। हकीकत सामने आई और ट्रेन में सफर कर रही महिला की मां को तलाशा गया और बच्चा उसके हवाले किया गया। खुद को बच्चा चोर की जगह मददगार साबित करने में उसे घंटों जूझना पड़ा।
आरपीएफ पोस्ट कमांडर राजीव वर्मा ने बताया कि गाड़ी संख्या 12488 सीमांचल एक्सप्रेस के कोच संख्या एस-5 की बर्थ नंबर 79 पर बीबी नाजिरा पत्नी मो. जाहिद निवासी जलालगढ़, पूर्णिया (बिहार) अपने बच्चों के साथ आनंद विहार दिल्ली से पूर्णिया बिहार की यात्रा कर रही थीं। ट्रेन के अलीगढ़ में रुकने पर बीबी नाजिर का छह साल का बेटा बिना बताए गाड़ी से नीचे उतर गया।
ट्रेन चलने लगी तो वह रोते हुए साथ-साथ दौड़ने लगा। यह देख महिला आशा खातून पत्नी इजराइल निवासी वीरनगर, अररिया (बिहार) जो कोच संख्या एस-7 के गेट पर खड़ी होकर यात्रा कर रही थी, मानवता दिखाते हुए चेन पुलिंग कर दी और बच्चे को गाड़ी के अंदर चढ़ा लिया। यही देख कर कुछ यात्रियों ने शोर मचा दिया कि एक महिला बच्चे को चोरी कर ले गई। यह सुन कर आरपीएफ की टीम ने चेकिंग कर महिला को खोज लिया।
महिला ने बताया कि वह बच्चे के मां-बाप को खोज रही थी, तभी पुलिस वाले उसके पास आ गए। पूछताछ के मकसद से उसे गाड़ी से नीचे उतार लिया। इसी बीच बालक की मां बीबी नाजिरा आ गई। उन्होंने बच्चे की पहचान कर उसे अपना बेटा बताया। बच्चे ने भी मां को पहचान लिया। इसके बाद महिला आशा खातून को थाने से छोड़ दिया गया। कुल मिलाकर बच्चे की मदद कर रहीं महिला को घंटों मुसीबत से जूझना पड़ा।