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हालांकि ‘तेरे मेरे सपने’ के बाद, लगभग 8 फिल्में उनकी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पीट गई थी, यानी 1996 से लेकर 2003 तक उनका फिल्मी करियर बुरी तरह से बर्बाद हो गया था. फिर उनकी लाइफ में एक वक्त ऐसा भी आया था, जब लगातार फ्लॉप फिल्मों के बाद वो बेरोजगार हो गए थे. एक बार न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा था कि वो 3 सालों तक बेरोजगार थे. उन्होंने कहा था कि इस दौरान उन्होंने कई छोटी-मोटी नौकरियां भी की. अरशद वारसी की किस्मत साल 2003 में ऐसी बदली कि वह रातोंरात स्टार बनकर उभरे. दरअसल, साल 2003 में उनके हाथ ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ फिल्म लगी, जिसमें वह संजय दत्त के साथ नजर आए थे.