Vande Bharat Train
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देश की सेमी हाईस्पीड बनारस-आगरा वंदे भारत एक्सप्रेस पूरी क्षमता से अभी रफ्तार नहीं भर पा रही है। 250 से 280 यात्री ही बड़ी मुश्किल से रोजाना सफर कर रहे हैं। वहीं, एग्जिक्यूटिव क्लास में तो 20-22 सीटें ही भर पा रही हैं। यह हाल दोनों तरफ की ट्रेनों का है।
आगरा-कानपुर और वाराणसी-कानपुर तक यात्रियों का दबाव है, उसके बाद आठ कोच में बमुश्किल से 200 से भी कम यात्रियों की मौजदूगी होती है। आईआरसीटीसी पर्यवेक्षकों के अनुसार कम समय और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित वंदे भारत का किराया अधिक होने के कारण यात्री थोड़ा हिचक रहे हैं। चेयरकार का किराया 1500 रुपये और एग्जिक्यूटिव क्लास का 2785 रुपये किराया है।
वाराणसी-आगरा के बीच संचालित पटना-कोटा, मरूधर, बनारस-ओखा और टूंडला तक रुकने वाली छह से सात ट्रेनों के सभी श्रेणियों में सीटें वेटिंग हैं। एक मात्र वंदे भारत में ही 250 के ऊपर सीटें उपलब्ध मिल रही हैं। पूर्वोत्तर रेल अधिकारियों के अनुसार 23 सितंबर से वंदे भारत का परिचालन नियमित हुआ है।
हफ्ते में सिर्फ शुक्रवार को छोड़ अन्य सभी दिन ट्रेन का परिचालन है। अभी सिर्फ चार दिन ही ट्रेन संचालन को हुए। आठ कोच की वंदे भारत की टाइमिंग भी सही है। अपराह्न 3.20 बजे बनारस स्टेशन से खुलकर रात 10.20 बजे आगरा पहुंचती है। बीच में प्रयागराज, कानपुर, इटावा, टूंडला में ठहराव होता है। कानपुर और टूंडला से भी वंदे भारत को यात्री मिल रहे हैं, जिससे यह ट्रेन अभी थोड़ी संभल पा रही है।
पितृ पक्ष के चलते देवघर-वाराणसी वंदे भारत में बढ़ी है भीड़ गया होकर चलने वाली वाराणसी-देवघर वंदे भारत भी आठ कोच की है, 540 सीट वाली इस ट्रेन में 300-350 यात्रियों का दबाव रह रहा है। आईआरसीटीसी पर्यवेक्षकों के अनुसार वाराणसी और पीडीडीयूनगर से गया तक यात्रियों का दबाव अधिक है, उसके बाद देवघर तक किसी कोच में 10 यात्री तो किसी में 20 यात्री ही नजर आ रहे हैं।
सुबह की वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत में भी यात्रियों की कमी
कैंट स्टेशन से सुबह नई दिल्ली को चलने वाली वंदे भारत में भी यात्रियों की भीड़ उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रही है। आवाजाही के दौरान किसी न किसी कोच में 8 से 10 यात्रियों की ही बुकिंग रह रही है। 16 कोच की बजाय अब यह ट्रेन 20 कोच के साथ चल रही है।