तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली से शारजाह जा रहे एयर इंडिया के एक विमान में शुक्रवार को बड़ी खराबी आ गई। जानकारी के मुताबिक, उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद विमान के हाइड्रॉलिक्स फेल हो गए। हाइड्रॉलिक्स फेल होने के कारण इस प्लेन को सेफ लैंड कराने की कोशिशें तेज हो गईं। इसके लिए प्लेन घंटों तक हवा में गोल-गोल चक्कर काटता रहा। इसके बाद प्लेन को आखिरकार सेफ लैंड करा लिया गया है। अब सवाल उठता है कि खराबी के बावजूद ये प्लेन हवा में क्यों घूम रहा था। आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब हमारी इस खबर में।
हवा में क्यों घूम रहा था प्लेन?
दरअसल, किसी भी प्लेन को लैंड कराने के लिए उसमें 25 प्रतिशत या उससे कम ईंधन रहना जरूरी है। ताकि लैंड करते वक्त प्लेन का वजन कम रहे। एयर इंडिया के प्लेन में काफी ईंधन बचा हुआ था। इसे खत्म करने के लिए प्लेन को हवा में घुमाया गया। जब विमान का वजन कम होता है तो लैंडिंग के दौरान इसकी स्थिरता बढ़ती है। भारी विमान को लैंड करना अपेक्षाकृत ज्यादा मुश्किल होता है। यही कारण था कि करीब 2.5 घंटे तक प्लेन को हवा में ही गोल-गोल घुमाने के बाद आखिरकार प्लेन को सेफ लैंड करवा लिया गया है।
लैंडिंग से पहले सही फैसला जरूरी
जब किसी विमान का हाइड्रॉलिक फेल होता है तो पायलट मैन्युअल तरीके से लैंडिंग गियर को नीचे लाने की कोशिश करता है। इस कारण उन्हें यह फैसला लेने के लिए समय चाहिए होता है कि वह सही तरीके से लैंडिंग के लिए तैयार है या नहीं। इसके साथ ही पायलट को एयर ट्रैफिक कंट्रोल से लगातार संपर्क में रहना पड़ता है ताकि उन्हें लैंडिंग के लिए डायरेक्शन और अन्य विमानों के बारे में जानकारी मिल सके।
141 यात्री थे सवार
एयर इंडिया का ये विमान त्रिची से शारजाह जाने वाला था। त्रिची एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद प्लेन में खराबी के बारे में पता चला। दरअसल, प्लेन का हाइड्रॉलिक खराब होने के बाद विमान का पहिया अंदर नहीं जा रहा था, जिसके बाद इसकी सूचना दी गई। प्लेन में 141 यात्री सवार थे। विमान जब तक हवा में था, तब तक एयरपोर्ट के आस-पास के अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया था। एयरपोर्ट पर एंबुलेंस भी तैनात थे। आखिरकार प्लेन को लैंड करा लिया गया जिसके बाद यात्रियों की सांस में सांस आई।