Diwali 2024 Celebration: इस वर्ष दीपावली का पर्व 5 दिवसीय नहीं होकर 6 दिवसीय होगा. ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दो दिन रहेगी. इस कारण से दीपोत्सव 5 नहीं 6 दिन का रहेगा.
कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर की दोपहर से शुरू हो जाएगी और अगले दिन यानी 1 नवंबर की शाम तक रहेगी. कार्तिक अमावस्या की रात में लक्ष्मी पूजा (Lakshmi Puja) करने की परंपरा है. इसलिए 31 अक्टूबर की रात लक्ष्मी पूजा करनी चाहिए, क्योंकि 31 की रात में ही अमावस्या तिथि रहेगी और 1 नवंबर की रात में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि रहेगी.
दिवाली 2024: पांच नहीं छह दिनों तक मनेगा दीपोत्सव
1. | धनतेरस- मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 |
2. | नरक चतुर्दशी- बुधवार, 30 अक्टूबर 2024 |
3. | दिवाली लक्ष्मी पूजा- गुरुवार, 31 अक्टूबर 2024 |
4. | कार्तिक अमावस्या- शुक्रवार, 1 नवंबर 2024 |
5. | गोवर्धन पूजा- शनिवार, 2 नवंबर 2024 |
6. | भाई दूज- रविवार, 3 नवंबर 2024 |
29 अक्टूबर को धनतेरस (Dhanteras 2024)
धनतेरस के दिन से ही पंचदिवसीय दीपोत्सव की शुरू हो जाती है, जोकि इस साल मंगलवार 29 अक्टूबर को है. इस दिन से दीपोत्सव शुरू हो जाएगा और धनतेरस मनाई जाएगी. धनतेरस पर भगवान धनवंतरि जयंती (Dhanvantari Jayanti) भी मनाते हैं. धनतेरस की रात में यमराज के लिए दीपक (Yam Deep) जलाने की परंपरा है. इस तिथि पर देवी लक्ष्मी (Goddess) की भी पूजा की जाती है.
30 अक्टूबर को रूप चौदस (Roop Chaudas 2024)
30 अक्टूबर को रूप चौदस मनाई जाएगी. इसे नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) भी कहते हैं. इस दिन उबटन लगाने की परंपरा है. माना जाता है कि इस तिथि भगवान श्रीकृष्ण (Shri Krishna) ने नरकासुर नाम के दैत्य का वध किया था. इसी वजह से इस पर्व को नरक चतुर्दशी कहते हैं.
31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा (Diwali Laxmi Puja 2024)
31 अक्टूबर की रात देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाएगी. मान्यता है कि देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन (Samudra Manthan) किया था और इस मंथन से कार्तिक मास की अमावस्या पर देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थी. देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का वरण किया था. इसके साथ एक अन्य मान्यता ये है कि इस तिथि पर भगवान राम (Lord Ram) 14 वर्ष का वनवास खत्म करके और रावण वध करके अयोध्या लौटे थे. तब लोगों ने राम के स्वागत के लिए दीपक जलाए थे.
1 नवंबर को स्नान-दान की कार्तिक अमावस्या (Kartik Amavasya 2024)
1 नवंबर को भी कार्तिक मास की अमावस्या रहेगी. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करना चाहिए. दोपहर में पितरों के लिए धूप-ध्यान भी करें. इस दिन शाम को कार्तिक अमावस्या तिथि खत्म हो जाएगी.
2 नवंबर को गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2024)
2 नवंबर को कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा यानी गोवर्धन पूजा पर्व है. इस दिन मथुरा स्थित गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा है. द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने ब्रज के लोगों से कंस की नहीं बल्कि गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा था, तब से ही इस पर्वत की पूजा की जा रही है.
3 नवंबर को भाई दूज (Bhai Dooj 2024)
3 नवंबर को भाई दूज है. ये पर्व यमुना और यमराज से संबंधित है. माना जाता है कि इस तिथि पर यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने जाते हैं. यमुना यमराज को भोजन कराती हैं. मान्यता है कि इस तिथि पर जो भाई अपनी बहन के घर भोजन करता है, यमराज-यमुना की कृपा से उसकी सभी परेशानियां दूर होती हैं और भाग्य का साथ मिलता है.
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