लेबनान और गाजा के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
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राजधानी लखनऊ में रविवार को लेबनान और गाजा के शहीदों की याद में यादे शोहदा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें सभी धर्म के बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया। इसमें सैय्यद हसन नसरुल्लाह, इस्माइल हानिया, याहया सिनवार, हाशिम सफीउद्दीन को शहीद बताया गया। साथ ही गाजा और लेबनान के अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि पेश की। वहीं सरकार से फलीस्तीन के मुद्दे पर अपना पुराना रुख अपनाने की अपील की। लेबनान के मजलूमों के लिए भारत की ओर से भेजी गई मदद को सराहनीय कदम बताया गया। इस मौके पर इस्राइल, अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की गई।
कॉन्फ्रेंस बड़ा इमामबाड़ा में आयोजित की गई। इसमें मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नकवी ने गाजा और लेबनान में जारी इस्राइली नरसंहार की निंदा की। उन्होंने इस्राइल को आतंकवाद का उदाहरण करार दिया। कहा कि गाजा की तबाही और लेबनान में रिहायशी इलाकों पर बमबारी हो रही है। लेकिन, मीडिया को यह आतंकवाद नजर नहीं आ रहा। मौलाना ने कहा कि जुल्म के खिलाफ खामोश रहने वाला इंसान नहीं हो सकता है। अल्लाह के रसूल सल. का फरमान है कि जो मजलूम की मदद न करे वो मुसलमान नहीं है।
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