छठ पूजा हिंदू धर्म का बेहद विशेष पर्व है. इसलिए इसे आस्था का महापर्व कहा जाता है. छठ पूजा की तैयारियां दिवाली के बाद से ही शुरु हो जाती है और पूजा के चार दिनों में पूरा माहौल छठमय हो जाता है.
लेकिन चार दिनों के बाद जब छठ पर्व का समापन होता है तो सभी फिर से छठ का इंतजार करने लगते हैं. बता दें कि आज 8 नवंबर 2024 को कार्तिक माह के छठ पूजा का आखिरी दिन था.
आज छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा संपन्न की. छठ पूजा में डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है.
कार्तिक शुक्ल की षष्ठी तिथि को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. वहीं सप्तमी तिथि को सूर्योदय के समय अर्घ्य देने की परंपरा है. उदयगामी यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद चार दिवसीय छठ पर्व का समापन हो जाता है.
आज छठ व्रतियों ने शुभ रवि योग में सूर्य देव को अर्घ्य देकर उपासना की. मान्यता है कि इस योग में सूर्य देवता को अर्घ्य देने से साधक को कष्टों से मुक्ति मिलती है.
बता दें कि छठ पूजा साल में दो बार आती है. आज कार्तिक छठ के समापन होने के बाद अब 2025 में चैत्र के महीने में छठ पूजा होगी. इसे चैती छठ भी कहा जाता है.
Published at : 08 Nov 2024 06:37 AM (IST)
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