नई दिल्ली. धर्मेंद्र के भतीजे और सनी देओल-बॉबी देओल के चचेरे भाई अभय देओल ने साल 2005 में बॉलीवुड डेब्यू किया था. उनकी पहली फिल्म ‘सोचा ना था’ बॉक्स-ऑफिस पर कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. अभय देओल को उनकी आउट ऑफ लीक फिल्मों के लिए जाना जाता है. उन्होंने ‘आयशा’, ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ जैसी फिल्मों से दर्शकों के बीच अलग पहचान बनाई है. एक्टर ने अपने हालिया इंटरव्यू में अपने फिल्मी करियर और परिवार के बारे में बात की. उन्होंने अपने इस इंटरव्यू में देओल परिवार की महिलाओं के फिल्मों से दूर रहने पर भी अपनी राय रखी.
फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में अभय देओल ने बताया कि उनके परिवार की महिलाओं को फिल्मों में काम करने की इजाजत नहीं थी. वो काम कर सकती थीं, लेकिन फिल्मों में काम नहीं कर सकती थीं. अभय देओल कहते हैं, ‘मेरे पापा और चाचा गांव से आए थे और वो अपने संस्कारों को सहेज कर रखना चाहते थे. छोटे गांव से आने के बाद उनके लिए चकाचौंध भरी ये फिल्मों की दुनिया बिल्कुल अलग थी’.
बचपन से ढीठ थे अभय देओल
वो आगे कहते हैं कि बचपन में उन्हें कभी भी बॉलीवुड के दोस्तों से मिलने की इजाजत नहीं थी. वो फिल्मी पार्टीं में भी नहीं जाते थे. घर में ढलने के बारे में बात करते हुए अभय देओल ने बताया कि वो बचपन से काफी ढीठ थे. वो कहते हैं कि अगर बॉबी देओल और सनी देओल से उनके बारे में पूछेंगे तो वो भी यही कहेंगे कि वो (अभय) बचपन से काफी जुबान चलाते हैं.
परिवार को अभय की फिल्मों से थी आपत्ति
अभय देओल ने बताया कि उनके भाई बॉबी और सनी देओल फिल्मों के उनके चयन को लेकर काफी परेशान रहते थे. उन्हें उनकी डेब्यू फिल्म काफी अच्छी लगी थी, लेकिन उसके बाद मनोरमा सिक्स फीट अंडर, ओये लकी लकी ओये, एक चालीस की लास्ट लोकल. उनके परिवार को ये फिल्में पसंद नहीं आई थी. वो अभय के भविष्य को लेकर काफी चिंतित थे.
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 14:56 IST