ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय मध्यक्रम का दारोमदार अनुभवी विराट कोहली की सफलता पर निर्भर करेगा। विराट इस वर्ष फॉर्म में नहीं हैं, बीते पांच वर्षों में उनके बल्ले से सिर्फ दो टेस्ट शतक निकले हैं। बावजूद इसके ऑस्ट्रेलियाई धरती पर उनका शानदार रिकॉर्ड भारतीय मध्यक्रम की सफलता ताना-बाना उनके इर्द-गिर्द बुन रहा है। दिग्गज सुनील गावस्कर ने भी स्पष्ट कर दिया है कि ऑस्ट्रेलिया में सफल रिकॉर्ड रनों के भूखे विराट का आत्मविश्वास वापस लाने का काम करेगा। विराट ने अब तक ऑस्ट्रेलिया के चार दौरे किए हैं। चारों में ही उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। ऑस्ट्रेलिया में विराट को रन बनाना भी पसंद है। अन्य किसी देश के मुकाबले विदेशी धरती पर सबसे ज्यादा रन विराट ने ऑस्ट्रेलिया में ही बनाए हैं। उन्होंने इस देश के खिलाफ कुल आठ शतक लगाए हैं, जिसमें छह ऑस्ट्रेलिया में लगाए गए हैं।
गावस्कर बोले, भाग्य का भी चाहिए साथ
गावस्कर का कहना है कि विराट ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में रन नहीं बनाए हैं, इसलिए वह रनों के लिए भूखे हैं। उनका ऑस्ट्रेलिया धरती पर शानदार रिकॉर्ड उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगा, जो उनके फॉर्म में लौटने में सहायक रहेगा। गावस्कर 2020 के एडिलेड टेस्ट के बारे में कहते हैं, यहां भारत 36 रन पर आउट हो गया था। यहां भी पहली पारी में विराट ने 74 रन बनाए थे। उनका ऑस्ट्रेलिया में 54.08 का शानदार औसत है। सिर्फ एडिलेड ही नहीं पर्थ में भी उन्होंने 2018 में 123 रन की बड़ी पारी खेली थी। वह ऑस्ट्रेलिया के सभी मैदानों पर अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं, यही उनके काम आएगा। शुरुआत में विराट को भाग्य का साथ मिला तो वह भारतीय मध्यक्रम का बेड़ा पार लगाएंगे।
विराट जानते हैं उनके खिलाफ क्या रणनीति होगी
पूर्व टेस्ट क्रिकेटर संजय मांजरेकर भी मानते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज विराट को निशाना बनाकर रखेंगे और उनके गिरे हुए आत्वविश्वास का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। विराट भी जानते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज उनके खिलाफ किस तरह की रणनीति बनाकर उतरेंगे। ऑस्ट्रेलियाई ऑफ स्टंप के बाहर गेंद रखकर पहले विराट का दिमाग परखने की कोशिश करेंगे, क्योंकि पिछले कुछ समय में देखा गया है कि विराट गेंद को छोड़ते नहीं हैं और ऊपर आती हुई गेंद पर प्रहार करने की कोशिश करते हैं। ऑस्ट्रेलियाई उन्हें जगह नहीं देकर उनके शरीर पर गेंद डालने की कोशिश करेंगे। खासतौर पर जब वह आगे निकलकर खेलते हैं। न्यूजीलैंड ने विराट के खिलाफ इस रणनीति का खूब उपयोग किया। अगर विराट ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद पर ध्यान देंगे तो जोश हेजलवुड जैसे गेंदबाज उनके मिडिल स्टंप पर आक्रमण करेंगे। जैसा पहले द. अफ्रीकी वर्नन फिलेंडर कर चुके हैं।
अभ्यास मैच में जो चाहिए था हासिल किया
पर्थ के मैदान के सेंटर विकेट पर मैच अभ्यास करने के फैसले को सहायक कोच अभिषेक नायर और गेंदबाजी कोच मोर्ने मॉर्कल ने सही ठहराया है। नायर ने कहा, हमने इस अभ्यास मैच से वह सब कुछ हासिल कर लिया है, जो हमें 22 नवंबर से शुरू होने वाले पहले टेस्ट से पहले हासिल करना था। हमारा ध्यान यहां की परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना था। ऑस्ट्रेलिया आने से पहले गौतम गंभीर, रोहित शर्मा और हमारे बीच यही चर्चा हुई थी कि टीम के अनुभवी और युवा साथियों को सेंटर विकेट पर अभ्यास कर यहां की स्थितियों से ढालना था। मैच में हमने सभी से कम से कम 15 ओवर फिंकवाने के लक्ष्य रखा। बुमराह ने 18 ओवर डाले। मार्केल ने कहा, हम पहले टेस्ट के लिए सही दिशा में जा रहे हैं। 2020-21 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर तीन टेस्ट में सर्वाधिक 13 विकेट लेने वाले सिराज के बारे में मार्केल ने कहा, वह बड़े दिल वाले और आक्रामक अंदाज वाले खिलाड़ी हैं। वह उन्हें इस दौरे पर देखने के लिए उत्साहित हैं।