सोनभद्र। जिलाधिकारी श्री बी0 एन0 सिंह ने आज जनपद भ्रमण के दौरान ग्राम-कैथी में एक कृषक द्वारा अपने खेत में डी०ए०पी० व यूरिया का प्रयोग कर खेत में की जा रही बीज की बुआई का स्थलीय निरीक्षण किये। इस दौरान जिलाधिकारी ने कृषक से डी०ए०पी० उर्वरक के मूल्य के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी, जिस पर सम्बंधित कृषक द्वारा बताया गया कि वह डी०ए०पी० उर्वरक 1550 रुपये में कय करके चतरा बाजार से लाया है। तत्कम में राबर्ट्सगंज-खलियारी मार्ग के किनारे ग्राम-बेलखुरी, वि०ख० चतरा में स्थित भारत खाद एवं बीज भण्डार एवं खेती बारी बीज एवं खाद भण्डार का निरीक्षण किया गया। भारत खाद एवं बीज भण्डार के प्रो० श्री विजय कुमार के प्रतिष्ठान पर मात्र 02 बोरी डी०ए०पी० उर्वरक पायी गयी, जिसके सम्बन्ध में प्रतिष्ठान के मालिक द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी। खेती बारी बीज एवं खाद भण्डार के निरीक्षण के समय प्रतिष्ठान के प्रो० श्री परमेश्वर उपस्थित रहे। निरीक्षण के समय निम्नलिखित कमिया पायी गयी हैं, जिनका विवरण निम्नवत् हैः-
मौके पर एक कृषक द्वारा अपने ट्रैक्टर पर डी०ए०पी०, यूरिया, एन०पी०के० आदि उर्वरक लोड किया गया था। कृषक से पूछे जाने पर बताया गया कि वह उक्त उर्वरक प्रो० परमेश्वर से कय किया है। कृषक द्वारा डी०ए०पी० उर्वरक का मूल्य 1350 रु० बताया गया। जबकि ग्राम कैथी के कृषक द्वारा अवगत कराया गया कि वह उर्वरक (डी०ए०पी०) चतरा बाजार से 1550/- रू0 में कय करके लाया है। मौके पर दुकानदार श्री परमेश्वर से पूछे जाने पर उसके द्वारा बताया गया कि वह डी०ए०पी० उर्वरक 150 बैग अजय कुमार एण्ड कम्पनी, जंगी रोड मीरजापुर से कय करके लाया है। स्टॉक रजिस्टर मांगे जाने पर श्री परमेश्वर द्वारा प्रस्तुत किया गया किन्तु उक्त स्टॉक रजिस्टर में उक्त डी०ए०पी० उर्वरक का अंकन होना नहीं पाया गया।
उक्त के साथ ही प्रतिष्ठान के बाहर वर्तमान स्टाक एवं मूल्य सूची प्रदर्शित नहीं पायी गयी, जो कि उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक एवं मिश्रत) नियंत्रण आदेश 1985 के क्लाज संख्या-04(1) (2) का उल्लंघन के साथ ही उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक एवं मिश्रत) नियंत्रण आदेश 1985 के क्लाज संख्या-04(1) (2) (3) के अन्तर्गत उर्वरक विक्रय लेखा अभिलेखों एवं रिर्टन न सब्मिट का उल्लंघन प्रतीत होता है। जिला कृषि अधिकारी, सोनभद्र को निर्देशित किया जाता है कि वह उक्त प्रतिष्ठान का स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर पायी गयी कमियों के परिप्रेक्ष्य में सम्बंधित दुकानदार के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए कृत कार्यवाही से तीन दिवस में अवगत कराना सुनिश्चित करें। साथ ही साथ ही जनपद के अन्य प्रतिष्ठानों की स्वयं व सम्बंधित अधिकारियों के माध्यम से जांच कराते हुए यह सुनिश्चित करें कि कृषकों को उचित दर पर ही उर्वरक उपलब्ध हो।