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पीड़ित युवक ने लगाए गंभीर आरोप
– फोटो : अमर उजाला
बदायूं में एसएसपी कार्यालय परिसर में खुद को आग लगाने वाले युवक ने अस्पताल में पहुंचकर पुलिस व नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सीओ सिटी, सदर कोतवाल व नगर विधायक पर आरोप लगाते हुए युवक बोला कि उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया है। युवक ने कहा कि सीओ सिटी ने डोडा में जेल भेजने की धमकी दी। फोन करके विधायक ने पुलिस पर आरोपियों पर कार्रवाई न करने का दबाव बनाया। अस्पताल में स्ट्रेचर पर ले जाते समय एसएसपी के सामने बोला- मेरे बयान दर्ज करो, लेकिन पुलिस ने उसे इलाज के लिए भेज दिया। बता दें कि मोहल्ला नई सराय निवासी गुलफाम (35) ने बुधवार को एसएसपी कक्ष के ठीक सामने खुद को आग लगी ली, जिससे वह 60 फीसदी तक झुलस गया। उसे बरेली के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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युवक की हालत गंभीर, बरेली रेफर
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पुलिस कार्यालय में आत्मदाह का प्रयास करने वाले नई सराय निवासी गुलफाम को जिला अस्पताल से जब रेफर किया जा रहा था तब स्ट्रेचर से एंबुलेंस की तरफ ले जाते समय उसे अपनी जान की परवाह नहीं थी। शरीर की खाल उधड़ी पड़ी थी। बावजूद इसके वह चीख-चीखकर कह रहा था कि कोतवाल ने गद्दारी की है। नगर विधायक का नाम भी उसने लिया।
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अस्पताल में एसएसपी व अन्य पुलिस अधिकारी
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एसएसपी के सामने कहा कि उसके बयान दर्ज किए जाएं। गुलफाम बोला कि 30 दिसंबर को उसके साथ घटना हुई। उसका ई-रिक्शा, मोबाइल, फोन और 2200 रुपये सभासद पति व उसके साथियों ने छीन लिए। युवक ने घटना करने वालों के नाम बताते हुए कहा कि सभी ने उसका ई-रिक्शा छीनकर घर में बंधक बना लिया। इसकी शिकायत कोतवाली में की, लेकिन कोतवाल ने मदद नहीं की।
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पीड़ित युवक का जिला अस्पताल से किया गया रेफर
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थाने वालों ने कार्रवाई के बजाय उसके ऊपर ही दबाव बनाया। नगर विधायक महेश चंद्र गुप्ता ने कोतवाल राकेश सिंह को फोन करके आरोपियों पर कार्रवाई करने से मना कर दिया। सीओ संजीव कुमार ने दबाव बनाया, कहा कि दो किलो डोडा पाउडर में जेल भेज देंगे। बोला- पुलिस ने उसे बेबस और मजबूर कर दिया। इस कारण वह आत्महत्या के लिए मजबूर हुआ।
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एंबुलेंस के पास खड़े पुलिसकर्मी
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सात माह पहले भी कर चुका है आत्मदाह का प्रयास
गुलफाम सात माह पहले भी आत्मदाह का प्रयास कर चुका है। वह सात माह पहले एसएसपी कार्यालय पहुंचा था और आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया था। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने आग लगने से पहले ही उसे रोक लिया था। बावजूद इसके उसकी समस्या का समाधान नहीं हो सका। सात दिन पहले भी उसने आत्मदाह करने की धमकी दी थी। आरोप तमाम लगाए, लेकिन पुलिस सिर्फ पति पत्नी के बीच विवाद की बात कहकर मामले को हल्के में लेती रही।