Punjab Dogs Census: पंजाब के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष कनवरदीप सिंह ने स्थानीय प्रशासन को आदेश दिया है कि वे शहर में आवार कुत्तों का सेंसस कराएं ताकि बच्चों पर डॉग अटैक के बढ़ते मामलों में गिरावट आ सके. उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग से अपील की कि वे कुत्तों के बंध्याकरण का अभियान चलाएं.
एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है. कनवरदीप सिंह ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट से बच्चों पर कुत्तों के हमलों की जानकारी आई है और इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक लुधियाना के नजदीक हसनपुर गांव में एक सप्ताह के अंदर दो बच्चों की ऐसे हमलों में मौत हो गई. ऐसी ही घटना मोहाली, जिरकपुर, अमृतसर, मच्छीवाड़ा साहिब और नाभा समेत पंजाब के विभिन्न हिस्सों में दर्ज की गई है.
अध्यक्ष कनवरदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने पंजाब के स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सचिवों को चिट्ठी लिखकर अपील की है कि वे एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स 20203 के प्रावधानों को लागू करें.
क्या है 2023 का यह नियम?
एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स 20203 आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है. इसके तहत बिना क्रूरता के उनका बंध्याकरण कराया जाता है और टीका लगाया जाता है. बंध्याकरण के बाद इन कुत्तों को वापस सड़कों पर छोड़ दिया जाता है.
स्थानीय निकायों पर जागरूकता की जिम्मेदारी
इस नियम को डेयरी, पशुपालन और मतस्य पालन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया है. इसका उद्देश्य पशुओं द्वारा मानव पर किए जाने वाले हमले को रोकना है. इसके तहत स्थानीय निकायों को विशेष अभियान चलाए जाने की जिम्मेदारी दी जाती है.
साथ ही एबीसी और एंटी-रेबीज कार्यक्रम भी इस नियम के तहत चलाए जाते हैं जिसकी जिम्मेदारी नगर निगम पर होती है. हालांकि पशुओं के साथ किसी तरह की क्रूरता नहीं होनी चाहिए और ऐसा पाए जाने पर दंड का भी प्रावधान है.
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