बीएचयू के डॉक्टरों की टीम ने एक चैलेंज लिया और बच्चे की डिलिवरी कराकर जच्चा बच्चा दोनो की जान बचा ली। बीएचयू की प्रोफेसर संगीता राय ने डिलीवरी को लेकर महिलाओं को सतर्क रहने की सलाह दी है। इन्होने बताया कि नौ महीने के दौरान अपने खान पान का ख्याल रखें। दिनचर्या सही तरीके से करें। नार्मल डिलीवरी आसान हो। अगर पहला बच्चा सीजेरियन हो जाता है तो टांका सही होने में छह से आठ महीने लग जाते है लेकिन सावधान रहें और दूसरी बार बच्चा दो साल बाद ही प्लान करें। इन्होने बताया कि पहला सीजर हुआ था अगर सीजर के बाद इंफेक्शन हो रहा है सीजर के दौरान ब्लीडिंग हो रही है सीजर के बाद अर्बाशन हुआ है। तो बड़े अस्पताल में ही दिखाना चाहिए। नार्मल डिलीवरी के लिए प्रयास करें। बता दें कि बीएचयू में जिस केस को सफलता प्राप्त करके पूरा किया गया है उसका आपरेशन बाहर हुआ था। चिकित्सकों की माने तो खेड़ी बाहर आ गई थी ऐसे मरीजों में जान का खतरा होता है मां और बच्चा दोनो की जान का खतरा हो सकता है। पिछले दिन बच्चेदानी के बाहर प्लेसेंटा बाहर आ गया। चैलेंज था और टीम को कामयाबी मिली।