पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होती है. वहीं माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है, जोकि इस वर्ष बुधवार 29 जनवरी 2025 को है. इस दिन महाकुंभ में शाही स्नान भी किया जाएगा.
हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन स्नान, दान, पूजा, जप-तप, तर्पण आदि के साथ ही मौन व्रत रखने का भी विधान है. इसी के साथ इस अमावस्या पर कुछ पेड़-पौधों की पूजा करने का भी महत्व है. मान्यता है इन पेड़-पौधों की पूजा से पितृ दोष दूर होता है और भाग्य चमक जाता है.
हिंदू धर्म के अनुसार पीपल वृक्ष में त्रिदेव और पितरों का वास माना गया है. इसलिए मौनी अमावस्या पर इस वृक्ष की पूजा जरूर करें. पीपल के नीचे शाम के समय सरसों तेल का दीप जलाने और सात बार परिक्रमा करने से पितृ दोष दूर होता है.
अमावस्या के दिन तुलसी पूजन जरूर करें और साथ ही घी का दीप जलाएं. इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होगा और जीवन में खुशहाली आएगी.
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि महादेव को बेलपत्र बहुत प्रिय है. इसलिए मौनी अमावस्या पर भगवान शिव की कृपा पाने के लिए बेल वृक्ष का पूजन जरूर करना चाहिए और शिवलिंग पर भी बेलपत्र अर्पित करना चाहिए.
मौनी अमावस्या पर शनि देव और महादेव का आशीर्वाद पाने के लिए शमी वृक्ष का पूजन अवश्य करें. क्योंकि शमी को शिवजी और शनि से जोड़ा जाता है. शमी वृक्ष के पूजन से नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं.
Published at : 28 Jan 2025 02:05 PM (IST)
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