इसलिए मिट्टी पर दबाव पड़ते ही उसका नीचे जाना तय था। इस पर भी वहां कई दिन पहले पानी भर दिया गया था। इसके बावजूद उस मिट्टी में बल्लियों को गाड़ कर रस्सी से बांस बांधकर मचान बनाया गया था। वह मचान भी मजबूत नहीं था और काफी पतली रस्सियों से बल्लियां व बांस बांधे गए थे। उस मचान की छह फीट चौड़ाई बनाई गई थी। इसमें तीन फीट को लड्डू चढ़ाने के लिए ऊपर जाने को रखा गया था और तीन फिट को नीचे उतरने के लिए रखा था।
मचान पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी तो मिट्टी में बल्लियां नीचे दबी
इतनी चौड़ाई जरूर की गई, मगर तब भी उसकी मजबूती का ध्यान नहीं रखा गया कि धार्मिक कार्यक्रम में उस पर भीड़ ज्यादा जा सकती है। उसकी ऊंचाई भी 65 फीट थी, जिसमें नीचे भी मजबूत पाइप या खंभे लगाने की जगह बल्लियां ही खड़ी करके रोका गया था। यह सभी कारण रहे कि मचान पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी तो मिट्टी में बल्लियां नीचे दबती चली गई। रस्सियां भी मजबूत नहीं होने से मचान पूरा झुक गया और नीचे गिर गया।
घटना की मजिस्ट्रियल जांच शुरू, ठेकेदार गिरफ्तार
डीएम अस्मिता लाल ने बताया कि घटना की मजिस्ट्रियल जांच शुरू करा दी गई है। इसमें एडीएम, एएसपी, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी, अग्निशमन विभाग के अधिकारी व विधि विज्ञान विभाग के अधिकारियों को रखा गया है। जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में देनी होगी और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। वहीं मचान बनाने वाले ठेकेदार वसीम निवासी बरनावा पर बड़ौत कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। उस पर आरोप है कि उसने मचान बनाने में लापरवाही की और मिट्टी में ऐसी जगह बल्लियां लगाईं, जहां वे धंस गई।
यह होता है निर्वाण महोत्सव
जैन धर्म में 24 तीर्थकर हैं। इनमें प्रथम तीर्थकर भगवान आदिनाथ हैं। इनका मंगलवार को मोक्ष कल्याणक था। जैन परंपरा में तीर्थंकरों के मोक्ष कल्याणक के दिन श्रद्धालु निर्वाण लड्डू चढ़ाते हैं। यह आयोजन करीब 25 वर्षों से हर साल किया जाता है।